गोल्डन डोम डिफेंस सिस्टम: अमेरिका की मिसाइल शील्ड

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को देश की महत्वाकांक्षी ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल रक्षा प्रणाली के बारे में बड़ी योजना घोषणा की है। 175 अरब डॉलर की अनुमानित लागत वाले इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम का उद्येश्य चीन और रूस जैसी शक्तियों के पैदा होने वाले खतरों से अमेरिका की रक्षा करना है। ट्रंप ने कहा कि गोल्डन डोम अमेरिका द्वारा अंतरिक्ष में भेजा जाने वाला पहला हथियार होगा। ट्रंप ने ओवल ऑफिस में इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘गोल्डन डोम हमारी मातृभूमि की रक्षा करेगा।’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि सिस्टम के डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिसका नेतृत्व अमेरिकी स्पेस फोर्स के वाइस चीफ जनरल माइकल गुएटलीन करेंगे। ट्रंप ने दावा किया कि लगभग तीन वर्षों में उनके कार्यकाल के अंत तक यह चालू हो जाएगा। ट्रंप ने जनवरी में वॉइट हाउस में लौटने के कुछ ही दिनों बाद इसकी घोषणा की थी। उस समय उन्होंने बताया था कि इस प्रणाली का उद्येश्य बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों समेत अमेरिका के लिए अगली पीढ़ी के हवाई खतरों का मुकाबला करना होगा।

अमेरिका का गोल्डन डोम एक जमीनी और अंतरिक्ष आधारित मिसाइल शील्ड सिस्टम होगा, जो उड़ान के कई चरणों में मिसाइलों का पता लगाएगा, उन्हें ट्रैक करेगा और उन्हें नष्ट कर देगा। डोनाल्ड ट्रंप ने नई प्रणाली की सफलता अमेरिका के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, ‘एक बार पूरी तरह से निर्मित होने के बाद यह मिसाइलों को रोकने में सक्षम होगा, भले ही वे दुनिया के किसी भी हिस्से से लॉन्च की गई हों या फिर वे अंतरिक्ष से लॉन्च की गई हों।

गोल्डन डोम सिर्फ यहीं तक सीमिक नहीं है, इसके और भी व्यापक लक्ष्य हैं। ट्रंप ने कहा कि यह भूमि, समुद्र और अंतरिक्ष में अगली पीढ़ी की तकनीकों को तैनात करेगा, जिसमें अंतरिक्ष आधारित सेंसर और इंटरसेप्टर शामिल हैं। गोल्डन डोम सिस्टम हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी रोकने में सक्षम होगा। ट्रंप के साथ ओवल ऑफिस में मौजूद अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि गोल्डन डोम का डिजाइन मौजूदा जमीनी रक्षा क्षमताओं के साथ एकीकृत होगा। हेगसेथ ने कहा कि इसका उद्येश्य पारंपरिक या परमाणु हर तरह की ‘क्रूज मिसाइलों, बैलिस्टिक मिसाइलों, हाइपरसोनिक मिसाइलों, ड्रोनों से मातृभूमि की रक्षा करना है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इस सिस्टम की कुल लागत लगभग 175 अरब डॉलर हो सकती है। ट्रंप ने इस योजना के लिए अब तक 25 अरब डॉलर की शुरुआती निधि की घोषणा की है। हालांकि, अमेरिका कांग्रेस के बजट कार्यालय ने जो अनुमान लगाया है, उसके अनुसार रक्षा प्रणाली की लागत 500 अरब डॉलर से ज्यादा होगी। ट्रंप ने लगभग तीन वर्षों में प्रणाली के चालू होने का दावा किया है, जो उनके कार्यकाल का आखिर होगा। हालांकि, फोर्ब्स ने परियोजना की लागत का वहन 20 वर्षों में होना बताया है।

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