लखनऊ : अपराधी को हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक खतरनाक अपराधी को हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया है। लखनऊ की अदालत ने खूंखार सीरियल किलर, नरभक्षी और खोपड़ी संग्रहकर्ता राजा कोलंदर को वर्ष 2000 में हुए एक डबल मर्डर केस में सोमवार को दोषी करार दिया है। अदालत के जज रोहित सिंह शुक्रवार को सजा का ऐलान करेंगे। इस मामले में राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन और उसके साथी बच्छराज कोल को 22 वर्षीय मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की अपहरण और हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया है।

दरअसल, राजा कोलंदर और उसके साले बच्छराज को इससे पहले पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में 2012 में इलाहाबाद कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। इस मामले में राजा के फार्महाउस से 14 मानव खोपड़ियां बरामद हुई थीं। इससे उसकी क्रूरता का भयावह चेहरा सामने आया था। राजा कोलंदर के नरभक्षी होने और खोपड़ी का संग्रह करने की बात सामने आई। इसके लिए वह सीरियल किलर बन गया था। आरोप है कि वह सिर काटकर ले जाकर वह इंसान के भेजे का सूप बनाकर पीता था।

राजा कोलंदर और उसके साले पर 25 साल पहले वर्ष 2000 में दोहरे हत्याकांड का मामला दर्ज किया गया था। वर्ष 2000 के डबल मर्डर केस में पुलिस ने 21 मार्च 2001 को चार्जशीट दाखिल की। लेकिन, कानूनी पेचिदगियों की वजह से मुकदमे की सुनवाई मई 2013 में शुरू हुई। दरअसल, शिकायतकर्ता शिव हर्ष सिंह के पुत्र मनोज कुमार सिंह और उनका ड्राइवर रवि श्रीवास्तव 24 जनवरी 2000 को लखनऊ से रीवा के लिए निकले थे।

मनोज और रवि ने चारबाग रेलवे स्टेशन के पास से छह यात्रियों को बिठाया, जिनमें एक महिला भी थी। आखिरी बार उनकी लोकेशन रायबरेली के हरचंदपुर में चाय की दुकान पर मिली थी। वहां से वे लापता हो गए। तीन दिन तक जब उनका कोई पता नहीं चला तो नाका थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

राजा कोलंदर का भयावह चेहरा एक पत्रकार की हत्याकांड के बाद सामने आया। 14 दिसंबर 2000 को पत्रकार धीरेंद्र सिंह के गायब होने के बाद स्थिति बदली। 18 दिसंबर को यूपी-एमपी बॉर्डर पर रीवा के पास उसकी सिरकटी लाश बरामद की गई। उसकी पहचान पत्रकार धीरेंद्र के रूप में हुई। पूरे जंगल में छानने पर भी धीरेंद्र का सिर नहीं मिला। इसके बाद जांच में सामने आया कि 14 दिसंबर की शाम धीरेंद्र के साथ राजा को बाइक पर देखा गया।

राजा कोलंदर के धीरेंद्र के साथ देखे जाने की जानकारी पर प्रयागराज पुलिस ने उसे थाने बुलाकर पूछताछ शुरू की। काफी देर इधर-उधर की बात करने के बाद धीरेंद्र सिंह की हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया। हालांकि सिर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। राजनीतिक ताकत को देखते हुए उससे अधिक पूछताछ नहीं हुई। हत्या के मामले में उसे जेल भेज दिया। हालांकि, धीरेंद्र हत्याकांड ने तूल पकड़ा।

पुलिस पर सवाल उठे। धीरेंद्र का सिर आखिर कहां गया? यह सवाल उठ रहा था। वहीं, मनोज और रवि के सिर भी गायब मिले थे। पुलिस ने बढ़ते दबाव को लेकर राजा कोलंदर को रिमांड पर लिया। सख्ती से पूछताछ में उसने सभी राज खोल दिए। वह पुलिस को लेकर पिपरी स्थित अपने फॉर्म पर ले गया। वहां वह सुअर पालन करता था। अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस ने फॉर्म हाउस में दफन दो लाशें बरामद कीं। वहां 9 नरमुंड भी मिले।

नरमुंडों पर मार्कर से नाम लिखे गए थे। राजा ने बताया कि यह उन्हीं के नाम हैं, जिनके नरमुंड हैं। पूछताछ में उसने बताया कि हत्या के बाद सिर फॉर्म हाउस पर लाता था। उसे खौलते पानी में उबाल कर साफ करता था। फिर नाम लिख कर जमीन में दबा देता था। बरामद नरमुंडों में धीरेंद्र सिंह का नाम भी लिखा था। मनोज और रवि के नरमुंड भी मिलने की बात सामने आई थी। अब इस हत्याकांड में फैसले की बारी है।

Related Articles

Back to top button