जातिगत जनगणना का श्रेय लेने के लिए यूपी के नेताओं में मची होड़

लखनऊ।  मोदी सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला ले लिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जातियों की गणना भी जनगणना में की जाएगी। सरकार के इस फैसले को विपक्षी दलों पर पॉलिटिकल स्ट्राइक के रूप में देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि जाति जनगणना के मुद्दों को लेकर विपक्ष दल हमेशा मोदी सरकार पर हमलावर दिखते थे। मोदी सरकार ने अपने फैसले से सभी विपक्षी दलों के विरोध पर ताला लगा दिया है। मोदी कैबिनेट में लिए गए इस फैसले को लेकर श्रेय लेने की होड़ सी मच गई है। बीजेपी से लेकर कांग्रेस, सपा, बसपा और आरजेडी समेत तमाम दल अपनी-अपनी जीत बता रहे हैं।

दरअसल केंद्र की सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार लगातार बड़े और कड़े फैसले ले रही है। चाहे जम्मू कश्मीर से 370 का मामला हो या फिर मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने का। यहां तक कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण का रास्ता भले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिया हो, लेकिन बीजेपी के लोग इस निर्णय को भी मोदी की जीत बताते हैं। मोदी सरकार ने हाल ही वक्फ संसोधन विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा में पास कराने के बाद उसे कानून का रूप दे दिया है। सरकार के इस फैसले को भी ऐतिहासिक बताया जा रहा है। अब इसी क्रम में जाति जनगणना के मुद्दे पर भी मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए विपक्ष की पिच पर बैटिंग कर दी है।

देश में जाति जनगणना की मांग कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बसपा, राष्ट्रीय जनता दल समेत कई विपक्षी दल लगातार करते रहे हैं। विपक्षी दल इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने का काम कर रहे थे। लेकिन मोदी सरकार ने जाति जनगणना को लेकर लिए गए फैसले से विपक्षी दलों को तगड़ा झटका दे दिया है। हालांकि विपक्ष इसे अपने जीत बता रहा है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि ‘कहा था ना, मोदी जी को जाति जनगणना करवानी ही पड़ेगी, हम करवाकर रहेंगे। राहुल ने कहा कि यह हमारा विजन है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सरकार एक पारदर्शी और प्रभावी जाति जनगणना कराए। उन्होंने कहा कि उन सभी लाखों लोगों और सभी संगठनों को बधाई, जो इसकी मांग करते हुए लगातार मोदी सरकार से लड़ाई लड़ रहे थे।

मोदी सरकार के फैसले को समाजवादी पार्टी अपनी जीत बताने में जुटी है। अखिलेश यादव ने कहा कि जाति जनगणना का फैसला 90% पीडीए की एकजुटता की 100% जीत है। हम सबके सम्मिलित दबाव से बीजेपी सरकार ने मजबूरन ये निर्णय लेने को बाध्य हुई है। अखिलेश ने बताया कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने संसद में जातिवार जनगणना का मुद्दा केंद्र की हर सरकार में पुरजोर तरीके से उठाया था, क्योंकि वो जानते थे कि जाति की गणना न कराने से कमजोर-पिछड़ों के अधिकारों की हकमारी की जा रही है। उन सब समाजवादी नेताओं को सादर नमन जिन्होंने इसके लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया है। ये सामाजिक न्याय और सामाजिक सशक्तीकरण के सभी गणमान्य विचारकों के निरंतर संघर्ष की जीत है और उनकी करारी हार जो सौ साल से इसे नकारने का षड्यंत्र रचते रहे है।

वहीं, यूपी सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पीएम मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि पीएम मोदी जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति शक्ति वाला नेता ही यह फैसला ले सकता है। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से समाज और आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत होगा। इससे देश की प्रगति को पंख लग जाएंगे। इसी तरह, बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि देश में मूल जनगणना के साथ ही जातीय जनगणना कराने का केंद्र सरकार द्वारा लिया गया फैसला काफी देर से उठाया गया सही दिशा में कदम है। इसका स्वागत है। मायावती ने कहा कि बसपा इसकी मांग काफी लंबे समय से करती रही है। उम्मीद है कि सरकार जनगणना से जनकल्याण के इस फैसले को समय से जरूर पूरा कराएगी।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह राहुल गांधी की जीत है। उन्होंने बताया कि मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में अहमदाबाद में कांग्रेस के सेशन में 9 अप्रैल को जो प्रस्ताव पारित हुआ था, यह उसकी जीत है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के संकल्प की जीत है। यह जमीनी हकीकत है कि उन्हें (बीजेपी) जाति आधारित जनगणना का निर्धारण करना पड़ेगा।

Related Articles

Back to top button