
लखनऊ। पहलगाम आतंकी हमले के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर माद्री काकोटी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। लखनऊ पुलिस ने उनके खिलाफ राजद्रोह ओर वैमनस्य पैदा करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने माद्री काकोटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्हें लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अजय कुमार आर्य का साथ मिला है। भूविज्ञान विभाग में प्रोफेसर आर्य ने एलयू एथलेटिक्स एसोसिएशन (एलयूएए) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है।
अजय कुमार आर्य भाषा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर माद्री काकोटी के समर्थन में सामने आए हैं। कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को अपने त्यागपत्र में प्रोफेसर आर्य ने लिखा कि माद्री काकोटी को मिले नोटिस को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संकट के समय में समाज का मार्गदर्शन करने के लिए एक शिक्षक के कर्तव्य के लिए एक झटका बताया है। यूनिवर्सिटी परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षक की टिप्पणियों को एक पाकिस्तानी मीडिया हैंडल द्वारा फिर से पोस्ट किया गया, जिससे भारत और एलयू की प्रतिष्ठा धूमिल हुई।
प्रोफेसर आर्य ने कहा- ‘यह देखना निराशाजनक है कि कैसे एक विशिष्ट विचारधारा के प्रति निष्ठा रखने वाले छात्रों का समूह एक सहायक प्रोफेसर को नोटिस जारी करने के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों को प्रभावित कर सकता है। विश्वविद्यालयों को स्वतंत्र विचार और अकादमिक स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण स्थान होना चाहिए। एफआईआर में असहमति को राजद्रोह के रूप में लेबल करना न केवल अनुचित है बल्कि खतरनाक भी है। एलयू के फैसले ने शिक्षकों और छात्रों के एक बड़े वर्ग में नाराजगी पैदा कर दी है।’
प्रोफेसर माद्री काकोटी डॉ मेडुसा के नाम से मशहूर हैं। वह अक्सर व्यंग्य के अंदाज में सरकारों की आलोचना करती हैं। बीते 23 अप्रैल को असिस्टेंट प्रोफेसर माद्री काकोटी ने लिखा था- ‘लोगों को मारने से पहले धर्म के बारे में पूछना आतंकवाद है, जैसा कि लिंचिंग से पहले धर्म के बारे में पूछताछ करना, नौकरियों से बर्खास्त करना और घरों पर बुलडोजर चलाना।’ एक अन्य पोस्ट में माद्री काकोटी ने लिखा- ‘कश्मीर के पहलगाम में 27 लोग मारे गए। इनमें आप जैसे, मुझ जैसे दिखने वाले आम हिंदुस्तानी थे। 27 लोगों की जान चली गई और मीडिया वाले टीआरपी बटोरने में लगे रहे। जिम्मेदारों से कोई वाजिब सवाल नहीं पूछा गया। इंटरनल सिक्योरिटी में इतनी बड़ी चूक हो गई, और होम मिनिस्टर को पता तक नहीं चला।’
अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद माद्री काकोटी ने स्पष्टीकरण जारी किया। उन्होंने लिखा- ‘पोस्ट और मेरे वीडियो में आतंकवादी शब्द केवल पाकिस्तान समर्थित और प्रायोजित आतंकवादियों के लिए है, जिन्होंने लोगों का धर्म पूछकर पहलगाम में क्रूर हत्या को अंजाम दिया। भारत की पहचान और अखंडता के लिए, ऐसी कठिन परिस्थिति में, हम सभी के लिए एकजुट रहना सबसे महत्वपूर्ण है।’