अहमदाबाद सीपी जीएस मलिक ने मिनी बांग्लादेश को किया साफ़

अहमदाबाद। सीमा सुरक्षा बल और सीआईएसएफ में तैनाती के बाद जुलाई, 2023 में गुजरात लौटे आईपीएस अधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह मलिक (IPS GS Malik) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। 29 अप्रैल को उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद में इतिहास का सबसे बड़ा बुलडोजर एक्शन करके एक झटके में ‘मिनी बांग्लादेश’ को साफ कर दिया। दरअसल, अहमदाबाद के नरोल और ईसनपुर रोड के बीच मे पड़ने वाली चंदोला झील (चंडोला लेक) पर काफी समय से अतिक्रमण और वहां अवैध बांग्लादेशियों के रहने का मामला तूल पकड़ा रहा था। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घुसपैठियों पर एक्शन लेने की अनुमति दी तो अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने महज 22 मिनट में दो दशक पुराने अतिक्रमण को साफ कर दिया।

अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने निगम आयुक्त वंछानिधि पाणी के साथ तालमेल बैठाकर चंडोला तलाब को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए मेगा तैयारी की। उन्होंने 70 से अधिक जेसीबी, 200 से ज्यादा ट्रक, 2000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ 1500 से अधिक निगम कर्मियों को डिमोलिशन ड्राइव में लगाया। इसके अलावा पूरे शहर की पुलिस को अलर्ट पर रखते हुए 20 एसआरपी कंपनियों की मदद ली। इसके चलते चंडोला तलाब के किनारे 2000 अवैध झोपड़े और 3 रिसोर्ट को जमींदोज कर दिया गया। इस पूरे ऑपरेशन में जीएस मलिक ने पुख्ता तैयारी की। वह डिमोलिशन ड्राइव के दौरान खुद डीजीपी विकास सहाय के साथ ग्राउंड जीरो पर पहुंचे, तो वहीं राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कंट्रोल रूम से इस कार्रवाई को देखा। चंडोला तलाब पर 2009 में निगम के द्वारा कार्रवाई की गई थी, लेकिन बुलडोजर एक्शन अहमदाबाद के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

अहमदाबाद पुलिस आयुक्त जीएस मलिक के अनुसार जब पुलिस ने अवैध बांग्लादेशियों की जांच की थी तो इस क्षेत्र में रहने वाला लल्लू बिहारी उर्फ लालू बिहारी मास्टरमाइंड के तौर सामने आया था। उसने तालाब की जमीन पर अवैध निर्माण करके एक पूरा साम्राज्य बना रखा था। वह अवैध बांग्लादेशियों को दस्तावेज बनवाने में मदद करता था। इसके अलावा वह यहां पर उन्हें रहने की जगह देता था। इसके चलते चंडोला तलाब अवैध बांग्लादेशियों का बड़ा अड्‌डा बन गया था। मलिक ने कहा कि उसके पास 200 से अधिक ऑटो थे। वह घोड़ा भी रखता था। सरकारी जमीन पर निर्माण के लिए उसके खिलाफ क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की है। कानूनी कार्रवाई जारी है। मलिक के अनुसार लालू बिहारी का नाम महमूद पठान है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि वह रेंट एग्रीमेंट करके आधार कार्ड बनवा देता था।

जीएस मलिक पहली बार सुर्खियों में नहीं आए हैं। जब वह बीएसएफ में तैनात थे तो वह भारत पाकिस्तान बॉर्डर के कठिन क्षेत्रों में शामिल हरामी नाला के दौरे पर भी गए थे। इससे पहले गुजरात में कई जिलों के एसपी रह चुके जीएस मलिक भरूच के एसपी के तौर पर उस वक्त के बाहुबली विधायक छोटू वसावा को अरेस्ट करके सनसनी फैला दी थी। अब उन्होंने अहमदाबाद में ‘मिनी बांग्लादेश’ को एक झटके में जमींदाेज करके फिर अपनी भूमिका में 100 फीसदी खरे उतरे हैं। जीएस मलिक हरियाणा के पलवल जिले के रहने वाले हैं। वह 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।

गुजरात में पिछले साल सोमनाथ और इस साल की शुरुआत में द्वारका में बुलडोजर एक्शन हुआ था लेकिन जीएस मलिक ने राज्य के सबसे संवेदनशील शहर अहमदाबाद में शांतिपूर्ण बुलडोजर एक्शन पूरा करके नई लकीर खींच दी है। उन्होंने 15 साल के अतिक्रमण को एक झटके में साफ कर दिया। मलिक के दिलचस्पी लेने से अहमदाबाद निगम निगम को 1.25 लाख वर्ग मीटर जगह फिर से वापस मिल गई। अतिमक्रमण की कार्रवाई को रोकने के लिए मामला कोर्ट भी पहुंचा लेकिन गुजरात हाई कोर्ट ने याचिका को रद्द कर दिया, हालांकि हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले ही अहमदाबाद पुलिस ने एएमसी के साथ मिलकर पहले ही 90 फीसदी ऑपरेशन को पूरा कर लिया था।

Related Articles

Back to top button