
लखनऊ। दुबग्गा स्थित एलडीए की वसंत कुंज योजना में भूखंड आवंटित होने के बाद भी लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। योजना के 275 आवंटियों के करीब सौ करोड़ रुपये बीते तीन साल से फंसे हैं। पहले तो एलडीए ने आवंटियों को ब्याज समेत रकम वापस करने का पत्र जारी कर दिया। हालांकि, मामले के तूल पकड़ने पर एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने फैसले वापस लेते हुए पांच सदस्यीय समिति गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। अब योजना के निरस्त हुए सेक्टर एक की जांच पूरी कर 10 मई तक एलडीए वीसी को रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद ही आवंटियों के आशियाने के सपने और फंसी रकम की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
एलडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी के अनुसार वसंत कुंज सेक्टर ए को निरस्त करने के पीछे किसानों के साथ चल रहा विवाद है। करीब 149 करोड़ मुआवजा लेने के बावजूद 823 किसान जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है। ऐसे में आवंटियों को उनकी रकम ब्याज के साथ लौटाने का फैसला लिया गया था। हालांकि बाद में वापस लेते हुए अपर सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर दी गई है।
आवंटी संतोष सिंह के अनुसार सेक्टर ए के ले-आउट में दुबग्गा थाने की नई बिल्डिंग भी शामिल है। आरोप है कि एक तरफ कहा जा रहा है कि किसान जमीन खाली नहीं कर रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि थाना निर्माण के लिए जमीन कैसे मिल गई। आवंटियों ने आंशका जताई है कि बिल्डर लॉबी को फायदा पहुंचाने के लिए पूरा खेल किया जा रहा है।
सेक्टर ए योजना निरस्त होने के बाद बड़ी संख्या में आवंटियों ने एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार से मुलाकात कर अपनी बात रही। इस दौरान कहा कि जब पहले से ही विवाद था तो भूखंड आवंटन क्यों किया गया? हालांकि वीसी ने बताया कि साल 2022 में किसानों से कोई विवाद नहीं था। सभी को मुआवजा भी दिया जा चुका है। हालांकि इसके बाद कुछ दिक्कतों के कारण अधिग्रहण फंस गया। आवंटियों को 12.5% सालाना ब्याज की दर से रकम वापस करने का ऑफर भी दिया गया, लेकिन आवंटियों ने जमीनों के दाम कहीं ज्यादा बढ़ने की बात कहते हुए साफ इनकार कर दिया।