यूपी में साइबर क्राइम के मामलों में हो रही लगातार बढ़ोत्तरी

नोएडा। उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। तकनीक के इस दौर में साइबर अपराधी भी नए-नए तरीकों से लोगों की जेब काट रहे हैं। हालांकि, पुलिस समेत संबंधित विभाग लोगों को अलर्ट रहने की सलाह देते हैं, लेकिन इसके बाद भी साइबर क्राइम के केस कम नहीं होते। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में हर घंटे ऐसे 71 केस सामने आते हैं। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 1 जनवरी 2023 से 15 अप्रैल 2025 तक 6 लाख 28 हजार से अधिक साइबर ठगी के केस रिपोर्ट किए गए। हैरानी की बात है कि इसमें गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद से सबसे ज्यादा केस हैं। 75 जिलों में से करीब 16 फीसदी केस गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद से सामने आए हैं।

साइबर ठगी के सबसे ज्यादा केस गौतमबुद्धनगर में दर्ज हुए हैं। यहां 57 हजार 507 मामले सामने आए। ठगी के पीड़ितों के मामले में दूसरा स्थान गाजियाबाद का है। यहां से 40 हजार 335 केस दर्ज किए गए हैं। गौतमबुद्ध नगर में नोएडा जोन में सबसे ज्यादा केस तो गाजियाबाद का ट्रांस हिंडन जोन भी सबसे आगे रहा। नोएडा जोन और सेंट्रल नोएडा जोन में जितने केस रिपोर्ट किए, उतने किसी अन्य कमिश्नरेट के किसी अन्य जोन में सामने नहीं आए।

साइबर ठगी में सबसे ज्यादा केस इन्वेस्टमेंट, डिजिटल अरेस्ट और वर्क फ्रॉम होम के सामने आए। शहर में लोग जॉब के साथ इन्वेस्टमेंट और अतिरिक्त इनकम के लिए काम की तलाश करते हैं। यही कारण है कि यहां फ्रॉड के मामले ज्यादा हैं। पुलिस अधिकारी का दावा है कि यहां केस ज्यादा होने के साथ टीमें काम भी कर रही हैं। साइबर क्राइम के लिए बने थानों में सुनवाई के लिए बेहतर माहौल दिया हुआ है। पुलिस गौतमबुद्ध नगर में साइबर ठगी के 20 प्रकार के मामलों में लोगों को जागरूक भी कर रही है।

साइबर क्राइम से संबंधित केस में कार्रवाई के मामले में गाजियाबाद की स्थिति सबसे बेहतर है। यहां सिर्फ 4 फीसदी शिकायतें ही पेंडिंग हैं, जबकि प्रदेश स्तर का औसत करीब 43 फीसदी है। गौतमबुद्धनगर की बात करें तो यहां 50 फीसदी से अधिक शिकायतें पेंडिंग हैं। इसमें अभी एक्शन होना बाकी है।

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