मदरसों के पाठ्यक्रम पर सीएम योगी ने दिए निर्देश

लखनऊ। मदरसों की शिक्षा व्यवस्था के संबंध में शुक्रवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में सीएम योगी ने मदरसा शिक्षा में व्यापक सुधार की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 की तरह मदरसों के पाठ्यक्रम में बदलाव किए जाएं। नए पाठ्यक्रम के हिसाब से मदरसा शिक्षकों और कर्मचारियों की योग्यता में भी बदलाव किए जाएं। उन्होंने मदरसा शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए जाने के निर्देश दिए।

सीएम ने निर्देश दिए कि अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाए, जो मदरसों के संचालन, शिक्षकों की सेवा-सुरक्षा और छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए जरूरी बदलावों पर संस्तुतियों के साथ अपनी रिपोर्ट दे। समिति में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, वित्त, न्याय और अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के विशेष सचिव सदस्य होंगे।

बैठक में सीएम ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मदरसा बोर्ड की कामिल (स्नातक) और फाजिल (परास्नातक) स्तर की डिग्रियों को असंवैधानिक घोषित किए जाने से चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं। जल्द इसका हल निकाला जाएगा। सीएम ने मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं में छात्र-छात्राओं की संख्या की लगातार आ रही कमी पर चिंता जताई।

सीएम को बताया गया कि 2016 में मदरसा बोर्ड की परीक्षा देने वालों छात्र-छात्राओं की संख्या 4,22,627 थी, जो 2025 में घटकर मात्र 88,082 रह गई है। यह भी जानकारी दी गई कि मदरसा शिक्षा परिषद अब केवल मौलवी व मुंशी (सेकेंडरी) और आलिम (सीनियर सेकेंडरी) स्तर की परीक्षाएं ही करवा रहा है।

बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से मदरसा शिक्षा को लेकर एक प्रजेंटेशन भी दिया गया, जिसमें मदरसों की वर्तमान स्थिति, प्रमुख चुनौतियां और भावी कार्ययोजना की जानकारी दी गई। बताया गया कि वर्तमान में यहां 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे चल रहे हैं, जिनमें 12,35,400 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। इन मदरसों में 9,979 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 8) के हैं और 3,350 माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से 12) के हैं।

यह भी जानकारी दी गई कि इनमें से 561 मदरसे राज्य सरकार से अनुदानित हैं, जहां 2,31,806 छात्र रजिस्टर्ड हैं। अनुदानित मदरसों में 9,889 शिक्षक और 8,367 शिक्षण कार्य से जुड़े कर्मचारी हैं, जिन्हें सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार एक जनवरी 2016 से वेतन और भत्ता दिया जा रहा है।

सीएम को बताया गया कि मदरसा पोर्टल की शुरुआत अगस्त 2017 में की गई थी, जिससे मदरसा शिक्षा परिषद की पूरी कार्यप्रणाली ऑनलाइन हो गई है। पोर्टल पर अब तक 19,123 मदरसों ने रजिस्ट्रेशन हुआ है, जिनमें 13,329 मदरसे सत्यापित होकर लॉक हो चुके हैं। पोर्टल के जरिए परीक्षाएं, प्रमाणपत्र, वेरिफिकेशन, यू-डाइस कोड से एकीकरण जैसी व्यवस्था लागू की गई है।

शिक्षा की गुणवत्ता को वर्तमान में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया है। वहीं कक्षा 9 से 12 तक भी माध्यमिक शिक्षा परिषद के अनुरूप पाठ्यक्रम लागू किए जाने की कार्यवाही प्रगति पर है। पाठ्यक्रम में धार्मिक विषयों जैसे धर्मशास्त्र, अरबी और फारसी के साथ-साथ गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी जैसे आधुनिक विषयों को भी शामिल किया गया है।

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