
श्रीनगर। जम्मू- कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन में मंगलवार एक आतंकवादी हमला हुआ। इस आतंकी हमले में अब तक 28 लोगों की मौत हुई है। मारे गए लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा में हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे बड़ा हमला है। मारे गए लोगों में दो विदेशी (संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल से) और दो स्थानीय निवासी शामिल हैं। 26 लोगों में से 22 की पहचान हो गई है बाकी की शिनाख्त की जा रही है। पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली है।
हमले का मास्टरमाइंड आतंकी सैफुल्लाह खालिद है। सैफुल्लाह जम्मू-कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकवादी गतिविधियों का मेन ऑपरेटर है। सैफुल्लाह खालिद को सैफुल्लाह कसूरी भी कहा जाता है। वह लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ है और इंटरनैशनल आतंकी हाफिज सईद का बेहद करीबी माना जाता है। सैफुल्लाह लग्जरी कारों का शौकीन है। उसकी सुरक्षा भारत के प्रधानमंत्री से भी ज्यादा है। वह कई लेयर की अत्याधुनिक हथियारों से लैस आतंकियों के घेरे में रहता है।
सैफुल्लाह खालिद का पाकिस्तान में इतना रसूख है कि पाकिस्तानी सेना के अफसर उसका फूल बरसाकर स्वागत करते हैं। वह पाकिस्तान में वीवीआईपी की तरह घूमता है। सैफुल्लाह दो महीने पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले पंजाब में स्थित इलाक कंगनपुर में आया था। यहां एक कार्यक्रम में पाकिस्तानी सेना के कर्नल जाहिद जरीन खटक ने उसका भाषण करवाया था। उसने यहां भारतीय सेना और भारत के लोगों के खिलाफ जमकर भाषण दिया था।
खैबर पख्तूनख्वा में आयोजित एक सभा में सैफुल्लाह ने जहर उगला था। उसने कहा था, ‘आज 2 फरवरी है। मैं वादा करता हूं कि 2 फरवरी 2026 तक हम कश्मीर पर कब्जा करने की पूरी कोशिश करेंगे। उसने यहां ऐलान किया था कि आने वाले दिनों में हमारे मुजाहिदीन हमले तेज कर देंगे।’ उसने कहा था कि उम्मीद है कि 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर आजाद हो जाएगा। इस सभा का आयोजन पाकिस्तान सेना और आईएसआई ने किया था। इसमें खुलेआम भारी संख्या में हथियारबंद आतंकी मौजूद थे।
बीते दिनों एबटाबाद के जंगलों में लश्कर के पॉलिटिकल विंग पीएमएमएल और एसएमएल ने आतंकी कैंप आयोजित किया था। इस कैंप में सैफुल्लाह ने युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काया था। उन्हें टारगेट किलिंग की ट्रेनिंग दी गई। उन्हें पाकिस्तान से बॉर्डर पार करके भारत में घुसपैठ करने को कहा गया।
कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद आईएसआई ने टीआरएफ बनाया। टीआरएफ लश्कर के फंडिंग चैनलों से चलता है। खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ और भारतीय सेना की खुफिया एजेंसियों के अनुसार, सैफुल्लाह खालिद न केवल पाकिस्तानी सेना का खास आदमी है, बल्कि भारत के दुश्मन नंबर वन हाफिज सईद का भी दाहिना हाथ है। हाफिज सईद और सैफुल्लाह खालिद की दोस्ती बहुत गहरी है। पहलगाम में हुए हमले के बाद ही सैफुल्लाह खालिद भारतीय एजेंसियों की नजरों में आया है। इससे पहले भी वह कश्मीर घाटी में कई आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिलवाता रहा है।
भारत के गृह मंत्रालय ने कुछ समय पहले राज्यसभा में बताया था कि पाकिस्तान, आईएसआई और वहां के आतंकवादी संगठनों ने भारत की सख्ती को भांप लिया है। इसलिए उन्होंने मिलकर अपनी खाल बचाने के लिए द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ को तैयार किया है। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा बनकर कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देगा। इससे भारत द्वारा पाकिस्तान और वहां मौजूद आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई से बचा जा सकेगा।
भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, टीआरएफ के पास दो विंग सबसे खतरनाक हैं, ‘फाल्कन स्क्वॉड’ और ‘हिट स्क्वॉड’। इन दोनों की जिम्मेदारी कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग को अंजाम देने की है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि वह सैफुल्लाह खालिद और उसके जैसे अन्य आतंकवादियों को जड़ से उखाड़ फेंके। तभी कश्मीर में शांति और स्थिरता लाई जा सकती है।