
नई दिल्ली । बीते साल केंद्र सरकार कई विभागों में उच्च अधिकारियों की भर्ती के लिए लैटरल एंट्री का विज्ञापन जारी किया था। लोकसभा चुनाव के कुछ समय बाद ही यह ऐड आया तो विपक्ष ने इसे आरक्षण के खात्मे से जोड़ दिया था। कांग्रेस, सपा, आरजेडी और आम आदमी पार्टी समेत कई दलों का कहना था कि लैटरल एंट्री के नाम पर सरकार वंचित तबकों का आरक्षण खत्म करना चाहती है।
इस पर खूब विवाद बढ़ा तो अंत में सरकार ने उस विज्ञापन को ही वापस ले लिया था। वहीं मोदी सरकार में शीर्ष अधिकारी कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन का कहना है कि लैटरल एंट्री सही है और भविष्य में इसकी जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि तमाम योजनाओं को अमल में लाने के लिए ऐसा जरूरी है क्योंकि हर विषय की जानकारी किसी अफसर को नहीं हो सकती। इसलिए विषय विशेषज्ञों को साथ लेना जरूरी होगा।
विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में टीवी सोमनाथन ने यह बात कही तो उन्हें अपने बयान की संवेदनशीलता का भी पता था। यही वजह थी कि उन्होंने लगे हाथ यह भी सफाई दी कि यह मेरा यह बयान निजी हैसियत से है। मेरी यह केंद्र सरकार के एक शीर्ष अधिकारी के तौर पर नहीं है। कैबिनेट सचिव ने सिविल सर्विसेज डे के मौके पर कहा कि अधिकारियों को यह देखना चाहिए कि उनके काम से संविधान की मर्यादा बढ़े। प्रशासन में किसी भी तरह का पक्षपात न हो और सरकार की इच्छाशक्ति को उचित नीति के तौर पर लागू किया जाए। इसके अलावा सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन दिया जाए।