
नोएडा। डीएल के लिए टेस्ट देने और ड्राइविंग सीखने करीब 30 किमी दूर बिसाहड़ा जाकर परेशान होने वाले नोएडा के लोगों के लिए खुशखबरी है। सेक्टर-117 के सोरखा गांव में प्रदेश का पहला इंस्टिट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च (IDTR) सेंटर खुलने जा रहा है। 10 एकड़ जमीन पर बनने वाले सेंटर के लिए केंद्र सरकार ने परिवहन विभाग को 17 करोड़ रुपये दिए है। बीचोंबीच सेंटर खुलने से पूरे जिले को इसका लाभ मिलेगा।
गौतमबुद्ध नगर में 5 अंऑटो मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (ADTC) को मान्यता मिली है। लेकिन, सिर्फ बिसाहड़ा में एक सेंटर चल रहा है। लोगों ने जाने में परेशानी होती है। लेकिन बहुत जल्द इस समस्या का समाधान होने वाला है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नोएडा के सोरखा गांव में IDTR सेंटर खोलने की अनुमति मिल गई है। यूपी में 9 सेंटर खुलने हैं और गौतमबुद्धनगर नगर से इसकी शुरुआत होगी।
यहां डीएल के लिए वाहन चालकों के ड्राइविंग टेस्ट लिए जाएंगे। साथ ही ड्राइविंग की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद सरकार से मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। इस सेंटर में ट्रेनिंग और टेस्ट साथ-साथ ट्रैफिक मैनेजमेंट से जुड़ी कई रिसर्च भी हो सकेंगी। सेंटर की खास बात यह भी रहेगी कि ADTC की तर्ज पर इसे भी ड्राइविंग टेस्ट लेने के लिए तैयार किया जाएगा। यहां बाइक और कार चालकों के लिए 2-2 ट्रैक बनाए जाएंगे।
डीएल के लिए टेस्ट देने बिसाहड़ा जाने में आने वाली समस्याओं को एनबीटी ने भी कई बार उठाया था। साथ ही बिना नियम के ट्रेनिग पर सवाल खड़े किए थे। इस पर परिवहन कमिश्नर ने परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव को एसओपी बनवाने के लिए लेटर लिखा था।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नोएडा में इस सेंटर के लिए 3 जगह जमीनें देखी गई, लेकिन वहां एक साथ 10 एकड़ जमीन नहीं मिली। इसके बाद सेक्टर-117 के सोरखा गांव में लेखपाल ने जमीन फाइनल की। बताया जा रहा है कि डीएम ने भी जगह का निरीक्षण कर लिया है। जल्द ही सेंटर का काम शुरू होगा।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर सरकार के माध्यम से तैयार किया जाता है। जानकारी के मुताबिक, इसे चलाने के लिए निजी एजेंसी को सौंपा जाएगा, लेकिन काम सरकार की देखरेख में होगा। वहीं, ऑटो मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर को सरकार से मान्यता मिलती है, लेकिन यह पाइवेट होता है। इन दोनों का काम ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट लेना और ड्राइविंग सिखाने का है। साथ ही ड्राइविंग सीखने के बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाता है।