
9 मार्च से शनि का राशि परिवर्तन होने के बाद प्रत्येक राशि पर शनि का सकरात्मक अथवा नकारात्मक असर देखा जा सकता है।शनि के राशि परिवर्तन का तुला राशि वालों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। शनि जब भी अपनी स्थिति बदलते हैं, तो वे कुछ लोगों के लिए चुनौतियां लाते हैं, तो कुछ के लिए भाग्योदय का कारण बनते हैं। तुला राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन अच्छे अवसर, करियर ग्रोथ और आर्थिक उन्नति लेकर आ सकता है। वहीँ शनि का राशि परिवर्तन वृश्चिक राशि के जातकों के लिए संघर्ष और सफलता दोनों लेकर आया है। शनि का प्रभाव हमेशा व्यक्ति को मेहनत और धैर्य की परीक्षा लेने के बाद ही फल देता है, और यही इस परिवर्तन के दौरान वृश्चिक राशि वालों के साथ होगा।
तुला राशि का राशि स्वामी शुक्र है, ग्रह गोचर की बात की जाए तो अनेक प्रयासों के बाद भी तुला राशि वालों की पदोन्नति लम्बे समय से बाधित है। शनि के परिवर्तन को देखा जाए तो 29 मार्च से तुला राशि वालों के जीवन से सभी विघ्न-बाधाऐं हटने वाली हैं, शनिदेव तुला राशि वालों को अतिशुभ फल प्रदान करने के लिए 29 मार्च से लगभग ढाई वर्ष उनकी जन्म राशि से छठे भाव में संचरण करेंगे। गोचर ज्योतिष के अनुसार षष्ठ भावस्थ शनि शुभ रहेगा, अचानक धन लाभ व पदोन्नति के अवसर मिलेंगे, विदेश यात्रा की योजना बनेगी, सुख-साधनों में वृद्धि होगी। शनि का पाया सुवर्ण होने से शनि का उपाय मन की उलझनों को कम करेगा एवं प्रगति के अवसरों का विस्तार करेगा। वाहन, मकान इत्यादि सम्पति को क्रय करने की योजना बनेगी। दाम्पत्य जीवन में मतभेद उत्पन्न हो सकता है। जल, अग्नि से सावधान रहें। शेष फल आपकी जन्मपत्री में बनने वाले शुभाशुभ योग एवं महादशा, अन्तर्दशा इत्यादि पर निर्भर है।
विगत ढाई वर्षों से वृश्चिक राशि वाले शनिदेव की ढैय्या से प्रभावित थे। 29 मार्च से शनि के राशि परिवर्तन ने उन्हें ढैय्या मुक्त कर दिया है, परन्तु शनि पंचमस्थ पूज्य रहेगा, जिसके लिए शनि का उपाय सफलता के मार्ग प्रशस्त करेगा। अगर सोची हुई योजनाओं में विघ्न-बाधाएं आए तो अपनी जन्मकुण्डली में शनि की स्थिति अनुसार नीलम अथवा उपरत्न नीली, जमुनिया इत्यादि धारण करें। शनि का पाया रजत (चाँदी) होने से संघर्ष एवं कठिनाईयों के बाद उपाय द्वारा सफलता एवं आय के साधनों में वृद्धि प्राप्त होगी, उच्चाधिकारियों के साथ सम्पर्क बढ़ेंगे। कुल मिलाकर शनि का राशि परिवर्तन वृश्चिक राशि वालों के लिए अधिकांश रूप से सकारात्मक रहेगा। शत्रु पक्ष से प्रतिस्पर्धा हो सकती है, शनि की शरण प्रतिस्पर्धाओं में विजय दिलाएगी। अक्सर व्यक्ति की सफलता अकारण दुश्मनी बढ़ाती है, सफल व्यक्ति से ईर्ष्या करने वाले लोग कार्यों में बाधा पहुंचाते हैं, आपकी राशि की भी यही स्थिति है, इसलिए शनि का उपाय एवं अपने उपर चलने वाली महादशा, अन्तर्दशा, जन्म लग्न, शुभाशुभ योगों को देखकर ज्योतिषीय उपचार अवश्य करें।