एक देश एक चुनाव विधेयक पर बनी संसदीय समिति का कार्यकाल बढ़ा

नई दिल्ली। लोकसभा ने मंगलवार को एक देश एक चुनाव को लेकर गठित संसदीय समिति का कार्यकाल बढ़ाने की मंजूरी दे दी। अब इस समिति का कार्यकाल संसद के मानसून सत्र के अंतिम हफ्ते के पहले दिन तक रहेगा। संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने समिति के कार्यकाल में विस्तार का प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया, जिसे ध्वनिमत से मंजूर कर लिया गया।

लोकसभा के महासचिव ने सदन को ये भी बताया कि राज्यसभा से एक नए सदस्य को भी संसदीय समिति में जगह दी गई है। 39 सदस्यीय समिति में वाईएसआर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद वी विजयसाई रेड्डी के इस्तीफे के बाद एक पद खाली था। समिति के सदस्यों का मानना था कि उन्हें प्रस्तावित कानून के लिए बड़ी संख्या में हितधारकों से चर्चा करनी होगी, ऐसे में समिति का काम लंबा चलने की संभावना है। यही वजह है कि समिति का कार्यकाल बढ़ाया गया है।

एक देश एक चुनाव के लिए दो विधेयक बीते साल दिसंबर में लोकसभा में पेश किए गए थे। ये विधेयक हैं- संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और संघ राज्य क्षेत्र (कानून) संशोधन विधेयक। इन दोनों विधेयकों का मकसद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने के लिए जरूरी बदलाव करना है। 12 दिसंबर को पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने इन विधेयकों को मंजूरी दी थी। हालांकि लोकसभा में विपक्ष के विरोध को देखते हुए इन्हें संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया था। 39 सदस्यीय इस संयुक्त संसदीय समिति की अध्यक्षता भाजपा सांसद पीपी चौधरी कर रहे हैं। इनके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पुरुषोत्तम रूपाला, मनीष तिवारी, प्रियंका गांधी, सुषमा स्वराज और संबित पात्रा आदि सांसद इस समिति के सदस्य हैं। संयुक्त संसदीय समिति में 27 लोकसभा और 12 राज्यसभा सांसद शामिल हैं।

Usually, bad or failing differential oil will produce any of the following 4 symptoms that can alert the driver of a potential problem that should be serviced. However, the Act specifically does not apply in several situations, unless one of the exceptions is satisfied for the sole purpose of avoiding the application of the Act.

Related Articles

Back to top button