पीडीए ने तैयार किया मास्टर प्लान

प्रयागराज।  उत्तर प्रदेश के प्रयागराज मास्टर प्लान 2031 को योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है। मास्टर प्लान को लेकर काफी समय से चर्चा चल रही थी। हालांकि, अब इस दिशा में निर्णय हुआ है। सरकार ने मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी देने के साथ-साथ कई राहत भी प्रदान कर दी है। प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी के सचिव अजीत कुमार सिंह ने जानकारी दी कि मास्टर प्लान 2031 को सरकार ने स्वीकृति दे दी है। मास्टर प्लान की गाइडलाइन के तहत पीडीए आवासीय और व्यवसायिक भवनों के नक्शे पास करेगा। अन्य विकास कार्यों को पूरा कराया जाएगा। इससे पीडीए की आय में वृद्धि होगी।

मास्टर प्लान 2031 के तहत प्रयागराज में बन रहे रिंग रोड और हंडिया-कोखराज बाइपास के किनारे निर्माण कराए जा सकेंगे। मास्टर प्लान के मुताबिक, इन सड़कों के 500 मीटर के दायरे में गेस्ट हाउस, रेस्तरां, ढाबा, रिसॉर्ट, पेट्रोल पंप आदि का निर्माण कराया जा सकेगा। रिंग रोड के किनारे व्यावसायिक निर्माण को भी हरी झंडी दे दी गई है। इससे इलाके के गुलजार होने की उम्मीद है।

प्रयागराज मास्टर प्लान को कई संशोधनों के साथ यूपी सरकार ने मंगलवार को मंजूरी दे दी। अब प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी मास्टर प्लान 2031 के मुताबिक ही डेवलपमेंट और निर्माण योजनाओं को मंजूरी प्रदान करेग। प्रयागराज में सिविल लाइंस समेत महत्वपूर्ण सड़कों के किनारे आवासीय निर्माणों को कॉमर्शियल में बदलने की मांग की जा रही थी। मकान मालिक इसके लिए लगातार पीडीए की दौड़ लगा रहे थे।

मास्टर प्लान 2031 में सिविल लाइंस समेत शहर के तमाम प्रमुख मार्गों के किनारे स्थित घरों को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है। इन भवनों के ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर का कॉमर्शियल मैप पास किया जाएगा। इससे हजारों आवासीय भवन अब व्यावसायिक में खुद को बदल सकेंगे। अभी तक इन आवासीय भवनों में अवैध तरीके से कॉमर्शियल गतिविधि चल रही थी।

झलवा सब्जी पट्‌टी के जमीन उपयोग परिवर्तन की मांग को भी मास्टर प्लान में स्वीकार कर लिया गया है। यहां लंबे समय से सब्जी की बिक्री हो रही थी। इस इलाके को आवासीय भूखंड में बदलने की मांग की जा रही थी। अब जमीन के उपयोग परिवर्तन को हरी झंडी मिल गई है। पीडीए की ओर से वर्ष 2022 में मास्टर प्लान प्रस्ताव तैयार किया था। इसके बाद इस पर तमाम पक्षों की राय लेने के बाद प्रस्ताव सरकार को भेजा गया।

पीडीए मास्टर प्लान 2031 के तहत प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी की चौहद्दी में भी बदलाव हुआ है। अब पीडीए का क्षेत्रफल 89 वर्ग किलोमीटर से बढ़ाकर 398 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया है। नए मास्टर प्लान में आवासीय लैंड यूज 2.09 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव है।

प्रयागराज में प्रमुख मार्गों पर कई आवासों को बिना मंजूरी निर्माण किया गया। ऐसे अवैध निर्माणों को शमन शुल्क जमा कराकर वैध किया जा सकेगा। मास्टर प्लान 2031 में इसको लेकर अहम निर्णय लिया गया है। इस सुविधा का लाभ उन बिल्डिंग ऑनर को मिलेगा, जिन्होंने अपना भवन आवासीय बनवाया और उसका उपयोग कॉमर्शियल में करने लगे। ऐसे लोग लंबे समय से भवनों को कॉमर्शियल का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। मास्टर प्लान को लेकर लोगों से सुझाव मांगा तो यह मांग भी सामने आई थी। अब प्रमुख मार्गों पर आवासीय भवनों के व्यावसायिक करने की मांग को मंजूरी दे दी गई है।

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