
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की नगर सरकार में उथल-पुथल मच गई है। नगर निगम के इतिहास में पहली बार मेयर सुषमा खर्कवाल की ओर से बुलाई गई कार्यकारणी की बैठक कोरम पूरा न होने के कारण स्थगित करनी पड़ी। फिजूलखर्ची को लेकर कार्यकारिणी में शामिल बीजेपी के पार्षदों ने ही बैठक का बहिष्कार कर दिया। आरोप लगाया कि मेयर किसी भी सदस्य की बात नहीं सुनती हैं। जबकि विकास कार्य न होने से जनता की नाराजगी पार्षदों को झेलनी पड़ती है। ऐसे हालात में नगर निकाय चुनाव में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। बीजेपी कार्यकारिणी के सदस्यों समेत पार्टी के अन्य पार्षदों ने निवर्तमान महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी से मिलकर ऐसी शिकायतें दर्ज करवाईं।
बीजेपी के आठ कार्यकारिणी सदस्यों ने निर्वतमान महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी से मिलकर मेयर की लिखित शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि कार्यकारिणी की बैठक से एक दिन पहले कैंप कार्यालय में मेयर से वार्ता हुई थी। इस दौरान बजट में विकास कार्यों की निधि कम होने और दूसरे मदों की बढ़ाने का मुद्दा रखा गया था। इसके बावजूद मेयर ने किसी की बात सुनना तो दूर जनता से जुड़े मुद्दों पर ध्यान भी नहीं दिया गया। बीजेपी पार्षदों ने शहर के विकास से जुड़े मुद्दे को लेकर जल्द से जल्द बैठक बुलाकर गतिरोध दूर करने की मांग भी उठाई है।
मौलवीगंज वॉर्ड से बीजेपी पार्षद एवं कार्यकारिणी सदस्य मुकेश सिंह मोंटी ने निवर्तमान महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी को अपना इस्तीफा तक भेज दिया है। उनका कहना है कि जब बात ही नहीं सुनी जानी है तो कार्यकारिणी में रहने का कोई मतलब नहीं है। इसके साथ ही जरूरी मांगों की अनदेखी होने पर पार्षदी से भी इस्तीफा देने की चेतावनी दी है।
नगर निगम कार्यकारिणी में शामिल सदस्यों ने अपने मन की बात की है। बीजेपी पार्षद अनुराग मिश्रा अन्नू ने कहा कि विकास के लिए बजट में कुछ खास नहीं था। केवल सफाई के लिए 800 करोड़ बजट देना पूरी तरह गलत है। विकास कार्य न होने पर लोगों की नाराजगी का सामना पार्षद को करना पड़ता है। बीजेपी के ही मुकेश सिंह मोंटी ने कहा कि अफसर केवल मनमाना बजट तैयार कर रहे हैं। कार्यकारिणी सदस्यों से कोई चर्चा नहीं होती है। केवल वॉर्ड विकास निधि के मुद्दे को तूल देकर बजट में रखे प्रस्ताव पर पर्दा डाला जा रहा है।
बीजेपी पार्षद उमेश सनवाल ने कहा कि विकास कार्यों को लेकर बजट में आय से ज्यादा खर्च की तैयारी है। एक तरह से अफसरों ने अपनी जेब भरने के लिए बजट तैयार किया है। इसे लेकर मेयर से कई बार वार्ता भी की गई थी। बीजेपी पार्षद अनूप सक्सेना ने विरोध के मसले पर कहा कि बजट को लेकर सभी पार्षद नाखुश हैं। कारण, बजट में विकास कार्य को लेकर कोई खास मद नहीं रखा गया है। इसे लेकर कार्यकारिणी से लेकर अन्य फोरम पर एकजुट होकर बात रखी गई है।
कार्यकारिणी में शामिल बीजेपी पार्षद चरणजीत सिंह गांधी ने कहा कि वॉर्डों का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। सड़क निर्माण से लेकर स्ट्रीट लाइटों तक की दिक्कत से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में बजट में केवल सफाई पर 800 करोड़ की व्यवस्था रखना गलत है। वहीं, केएन सिंह बोले, विकास के लिए बजट में आय से ज्यादा खर्च की तैयारी की गई थी। शहर में विकास कार्यों के लिए कोई ध्यान ही नहीं रखा गया था। इसे लेकर सभी पार्षद लंबे वक्त से मांग कर रहे हैं।
बीजेपी पार्षद भृगुनाथ शुक्ला ने कहा कि वॉर्ड का क्षेत्रफल बढ़ने के साथ जनसंख्या को देखते हुए विकास कार्यों के लिए ज्यादा फंड की जरूरत पड़ रही है। इसे लेकर मांग के बावजूद वॉर्ड विकास से लेकर अन्य की अनदेखी हो रही है। वहीं, गौरी सांवरिया ने कहा कि कार्यकारिणी सदस्यों की लगातार उपेक्षा हो रही है। सहमति के आधार पर उठाई गई मांगों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वॉर्ड की सीमा बढ़ने से विकास कार्यों में दिक्कत आ रही है।
कार्यकारिणी में शामिल सपा पार्षद सुरेंद्र वाल्मीकि ने कहा कि विकास मदों में कटौती के कारण ही बैठक में शामिल न होने का फैसला लिया गया। साढ़े चार अरब की देनदारी झेल रहे नगर निगम ने वित्तीय स्थिति को देखते हुए ही निधि को बढ़ाने की बात कही थी। वहीं, सपा पार्षद सबा अहसन मंसूरी ने कहा कि बजट को लेकर कटौती की गई। सामान्य बजट से अन्य वॉर्डों में जिस तरह से काम हुआ, उस प्रकार मेरे वॉर्ड में नहीं हुआ। अंबरगंज वॉर्ड में पानी की समस्या है। कई सबमर्सिबल की रिबोरिंग होनी है।
बीजेपी पार्षदों ने इस पूरे मामले को नगर निगम हित में नहीं बताया है। पार्षद पृथ्वी गुप्ता ने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक में 12 में से सिर्फ 2 पार्षदों के पहुंचने की अंदरूनी वजह की जानकारी तो नहीं है, नगर निगम परिवार के हित में ये अच्छी खबर नहीं है। सीबी सिंह ने कहा कि वॉर्ड में कोई विकास कार्य नहीं हो रहा है। जबकि हाउस टैक्स के नाम पर खुली वसूली हो रही है। जब टैक्स वसूलने में नगर निगम पीछे नहीं है तो विकास कार्यों के मदों में कटौती क्यों।
सपा पार्षद दल के नेता कामरान बेग ने कहा कि पार्षदों के कई मुद्दे ऐसे हैं, जिन्हें अनसुना किया गया। बैठक निरस्त होने की कई वजह हैं। विकास कार्यों में कटौती को लेकर मैंने भी बाहिष्कार किया है। वहीं, कांग्रेस पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने कहा कि नगर निगम के इतिहास में पहली बार बजट के लिए आयोजित कार्यकारिणी की विशेष बैठक में कोरम पूरा न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह इतिहास में काला अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है।
कांग्रेस पार्षद ममता चौधरी ने कहा कि आखिर इतना बड़ा बहिष्कार क्यों। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। आपसी कलह से कार्यकारिणी बैठक निरस्त हुई है। मेयर और पार्षद एक ही पक्ष होने के बावजूद सामंजस्य नहीं है।
मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि बजट की कॉपी सभी कार्यकारिणी सदस्यों को एक सप्ताह पहले ही दे दी गई थी। अगर कोई विरोध था तो समय रहते बताया जा सकता था। बैठक से एक दिन पहले भी सभी पार्टी के पार्षद दल के नेताओं से चर्चा हुई थी। इस दौरान वॉर्ड विकास निधि दोगुना करने का प्रस्ताव कार्यकारिणी में रखने की मांग भी मान ली गई थी। कहा गया था कि निधि बढ़ाने का प्रस्ताव नगर आयुक्त को दिया जाएगा। इसके बावजूद विरोध की वजह समझ के बाहर है। इस संबंध में निवर्तमान महानगर अध्यक्ष को पत्र लिखकर जानकारी दी जाएगी।
बीजेपी, सपा और कांग्रेस के पार्षदों के अनुसार हर वॉर्ड का दायरा बढ़ने के बावजूद विकास निधि महज डेढ़ करोड़ है। पार्षद बीते दो साल से वॉर्ड विकास निधि तीन करोड़ करने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर सभी दलों के पार्षद एकमत हैं। पार्षदों का कहना है कि मेयर से लेकर नगर आयुक्त तक इस पर ध्यान नहीं दे रहे। इससे पहले बीजेपी पार्षद दल के नेता सुशील तिवारी पम्मी कई दिनों से सभी पार्षदों का पक्ष लेकर मेयर से वार्ता कर रहे थे।
इसके बावजूद कार्यकारिणी की बैठक में निधि बढ़ाने का प्रस्ताव को शामिल नहीं किया। इसके विरोध में बीजेपी कार्यकारिणी के सदस्य भृगुनाथ शुक्ला, उमेश सनवाल, अनुराग मिश्रा अन्नू, मुकेश सिंह मोंटी, चरणजीत गांधी, केएन सिंह, गौरी सांवरिया और अनूप कमल सक्सेना शामिल नहीं हुए। सपा से सुरेंद्र वाल्मीकि भी बैठक से दूर रहे।
पार्षदों ने मनमानी बर्दाश्त न करते हुए जल्द ही सीएम से मुलाकात कर पूरी जानकारी देने की बात कही है। वहीं, बैठक में सदस्यों के न पहुंचने पर मेयर ने कॉल करना चाहा, लेकिन ज्यादातर सदस्यों के फोन बंद रहे। डेढ़ घंटे इंतजार के बावजूद सदस्यों के नहीं पहुंचने पर बैठक स्थगित कर दी गई।
Fast ions and hot electrons in the laser-plasma interaction. Johann - A visit to the "Eisriesenwelt", the largest ice-cave in the world, is a must for tourists and certainly one of the sightseeing highlights in the area.