सीएम फडणवीस ने ठाकरे पर किया कटाक्ष

मुंबई । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शिवसेना के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह उनकी (ठाकरे) तरह नहीं हैं जो चल रही परियोजनाओं पर रोक लगा दें। राज्य विधानमंडल के संयुक्त सत्र में राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान फडणवीस ने कहा कि पिछली महायुति सरकार द्वारा लिए गए निर्णय अकेले एकनाथ शिंदे के नहीं थे, बल्कि समन्वय से लिए गए थे।

मुख्यमंत्री ने सदन में कहा, ‘‘मैं उद्धव ठाकरे नहीं हूं, जो चल रही परियोजनाओं पर रोक लगा दूं। एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री रहते हुए लिए गए फैसले अकेले उनके नहीं थे। वे मेरी और अजित पवार की भी जिम्मेदारी थे।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की महायुति सरकार समन्वय से काम करती है और गठबंधन के सभी नेता निर्णय लेने में शामिल होते हैं।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मीडिया में गुणवत्तापूर्ण समाचारों और विपक्षी दलों की ओर से गुणवत्तापूर्ण आलोचना का अभाव है। उन्होंने परियोजनाओं पर रोक लगाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘यहां तक ​​कि अगर कोई संभागीय आयुक्त किसी योजना अथवा परियोजना पर रोक लगाता है, यदि वह केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को पूरा नहीं करती है, तो ऐसा कहा जाता है कि मैंने रोक लगा दी है।’’

फडणवीस ने कहा कि पिछले साल विधानसभा चुनाव में महायुति को भारी जनादेश मिला था। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने महायुति में अपना भरोसा जताया है और हम उनके सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भविष्य की कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने तालुका स्तर के कार्यालयों से लेकर मंत्रालय तक के लिए 100 दिन की कार्ययोजना तैयार की है, जिसमें कार्यालय रिकॉर्ड में सुधार और जन-हितैषी शासन सुनिश्चित करना शामिल है।

उन्होंने कहा कि भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) 100 दिनों में प्रत्येक विभाग के कार्य के आधार पर उसका मूल्यांकन करेगी तथा अच्छा प्रदर्शन करने वालों को एक मई को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुंबई में देश की सबसे लंबी भूमिगत मेट्रो लाइन मेट्रो-3 लाइन जून 2025 तक पूरी तरह से चालू हो जाएगी जबकि सभी मेट्रो लाइनें 2027 तक चालू हो जाएंगी। फडणवीस ने निवेश आकर्षित करने के लिए गुजरात की कथित रूप से प्रशंसा करने पर विपक्षी दलों की आलोचना की तथा दावा किया कि महाराष्ट्र में गुजरात की तुलना में तीन गुना अधिक निवेश हुआ है।

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