
नई दिल्ली। कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी 2026 में प्रस्तावित परिसीमन के मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के सुर में सुर मिलाया है। रेवंत रेड्डी ने स्टालिन से आगे निकलते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी भाजपा प्रस्तावित परिसीमन के जरिए दक्षिण के राज्यों से बदला लेना चाहती है। उन्होंने इस विवादित मुद्दे पर केंद्र सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।
रेवंत रेड्डी ने कहा कि परिसीमन के जरिए भाजपा संसद में दक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व कम करना चाहती है क्योंकि प्रस्तावित परिसीमन जनसंख्या के आधार पर होना है। ऐसी स्थिति में दक्षिणी राज्यों में लोकसभा सीटें कम हो सकती हैं क्योंकि उत्तर भारतीय राज्यों की अपेक्षा साउथ के राज्यों में जनसंख्या वृद्धि नियंत्रित रही है और आनुपातिक आबादी कम है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण में भाजपा का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। इसलिए वह परिसीमन के जरिए बदला लेना चाह रही है। भाजपा इस कवायद के जरिए संसद में दक्षिण को कमजोर करना चाहती है और उत्तरी राज्यों को फायदा पहुंचाना चाहती है क्योंकि उधर भाजपा मजबूत स्थिति में है।
बता दें कि भाजपा भले ही 2024 का लोकसभा चुनाव जीतकर लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में लौटी है लेकिन दक्षिण का किला भेद पाने में अभी भी विफल रही है। लोकसभा चुनावों में जीती गई भाजपा की 240 सीटों में से उसे दक्षिण में सिर्फ 29 सीटें ही मिलीं। इसके अलावा, दक्षिण के किसी भी राज्य में उसकी अपनी सरकार नहीं है। आंध्र प्रदेश में भी वह चंद्रबाबू नायडू की सरकार में जूनियर पार्टनर है और 175 सदस्यों वाली विधानसभा में उसे सिर्फ 8 सीटें ही मिल सकी हैं।
रेड्डी ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा तब खोला है, जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर परिसीमन के खतरों से आगाह किया है और उन्हें भी लोकसभा सीटें घटने का खौफ दिखाया है। स्टालिन ने सात राज्यों के समकक्षों से इस मुद्दे पर चेन्नई में मीटिंग करने का भी अनुरोध किया है। स्टालिन ने शुक्रवार को केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, पंजाब, ओडिशा के अपने समकक्षों और पार्टी प्रमुखों को पत्र लिखकर उन्हें तमिलनाडु के साथ हाथ मिलाने और लोकसभा सीटों के परिसीमन पर “बिना समझौता किए लड़ाई” के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है। स्टालिन ने 22 मार्च, 2025 को चेन्नई में जेएसी बैठक का प्रस्ताव रखा है और नेताओं से सामूहिक रूप से आगे बढ़ने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया है।