जम्मू-कश्मीर की पहली महिला कार रेसर है हुमैरा मुश्ताक

नई दिल्ली। हुमैरा मुश्ताक, जम्मू-कश्मीर की पहली और इकलौती पेशेवर महिला कार रेसर हैं जिन्होंने रूढ़ियों को तोड़ते हुए नई मिसाल कायम की। रफ्तार से इश्क उन्हें बचपन से था। महज चार साल की उम्र में गो-कार्टिंग से शुरुआत करने वाली हुमैरा ने छह साल की उम्र में रोटैक्स कार्टिंग में कदम रखा। अपनी मेहनत और हुनर के बूते पर उन्होंने सिंगल-सीटर कार, टूरिंग कार, जीटी कार और फॉर्म्युला2 व फॉर्म्युला3 (एफ2/एफ3) कारों में अपनी पहचान बनाई। हुमैरा ने अपनी कामयाबी के सफर को सिर्फ देश तक सीमित नहीं रखा, बल्कि ब्रिटिश एंड्योरेंस रेसिंग चैंपियनशिप में भारत की पहली महिला प्रतिनिधि बनकर इतिहास रचा। अलग-अलग मुल्कों के पुरुष ड्राइवर्स के खिलाफ मुकाबला करने वालीं हुमैरा इस महीने होने वाली मिडिल ईस्ट जीटी रेस में भी वह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने जा रही हैं।

रेस ट्रैक तक के सफर में आर्थिक चुनौतियां भी उनके रास्ते में खड़ी थीं। उनकी मां ने उनसे वादा किया था कि अगर वह मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेती हैं, तो बदले में वह उनके रेसिंग के सपने को पूरा करने में हरसंभव मदद करेंगी। उनके माता-पिता दोनों ही पेशेवर डॉक्टर थे, इसलिए हुमैरा ने भी तैयारी की और नीट (NEET) परीक्षा पास कर बीडीएस का चुनाव किया। हुमैरा का कहना है कि उनकी जिंदगी में ऐसे कई मौके आए जब उन्हें लगा कि वह दो अलग-अलग जीवन जी रही हैं। एक रेसर जो बाहर से मेडिकल स्टूडेंट थी। बीडीएस की पढ़ाई के दौरान उनके भीतर हर वक्त एक ही सवाल गूंजता था – मैं रेसिंग ट्रैक तक कैसे पहुंचूंगी? रेसिंग के अपने जुनून को जिंदा रखने के लिए हुमैरा ने पार्ट टाइम काम किया और स्पॉन्सरशिप के लिए भी आवेदन किया और लंबी मेहनत के बाद जब स्पॉन्सर्स मिले तो सपनों को पंख भी मिल गए।

इसके बाद उन्होंने लगातार मुकाबलों में भाग लेना शुरू कर दिया। ज्यादातर, वह इवेंट में अकेली महिला होती थीं और महसूस करती थीं कि सभी की नजरें उन पर टिकी हैं, कुछ संदेह से, तो कुछ हैरानी से। उन्हें एक ऐसे क्षेत्र में अपनी जगह बनानी थी, जहां किसी महिला को स्वीकार करना आसान नहीं था। कहते हैं, अगर आप सच्चे समर्पण और हिम्मत के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, तो सफलता आपके कदम चूमती है। हुमैरा के मामले में भी ऐसा ही हुआ। हुमैरा मुश्ताक की कहानी सिर्फ एक रेसर की कामयाबी की दास्तान नहीं है, बल्कि यह एक जज़्बे, जूनून और जिद की कहानी है।

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