
हर साल 20 फरवरी को अरुणाचल प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाता है। बता दें कि राज्य का आधुनिक इतिहास 24 फरवरी 1826 के ‘यंडाबू’ संधि होने के बाद असम में ब्रिटिश शासन लागू होने के बाद से प्राप्त है। साल 1962 से पहले अरुणाचल प्रदेश को नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (नेफा) के नाम से जाना जाता था।
संवैधानिक रूप से यह असम का एक भाग था। लेकिन साल 1965 तक यहां के प्रशासन की देखभाल विदेश मंत्रालय करता है। साल 1965 के बाद यहां के राज्यपाल द्वारा यहां का प्रशासन मंत्रालय के तहत आ गया था।
साल 1972 में इस राज्य को केंद्र शासित राज्य बनाया गया और इसका नाम अरुणाचल प्रदेश रखा गया। भारतीय संविधान के 55वें संशोधन के तहत 20 फरवरी 1987 को अरुणाचल प्रदेश भारतीय संघ का 24वां राज्य बना था। यह भारत गणराज्य का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर है।
अरुणाचल प्रदेश में 63% जनसंख्या में 19 प्रमुख जनजाति और 85 अन्य जनजाति निवासी हैं। यहां अधिकतर निवासी तिब्बत-वर्मा मूल से हैं। अरुणाचल प्रदेश की 35% जनसंख्या अप्रवासी है।साल 2011 की जनगणना के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश की साक्षरता दर 65.38% है। जिसमें महिला साक्षरता दर 57.70% है और पुरुष साक्षरता दर 72.55% है।
अरुणाचल प्रदेश में सबसे बड़ी जनजातियों में निशि, गालो, मोपा, सिंहपो, दफला और अपातनी प्रमुख रूप से है। यहां के 20% निवासी प्रकृति धर्मी है। वहीं मिरि और नोक्ते जाति के करीब 35% निवासी हिंदू हैं। वहीं 13% निवासी बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं।
अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों के जीवन यापन का मुख्य आधार कृषि है। राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्यत: खेती पर आधारित है। यहां पर फसलों में आलू और बागवानी में सेब, संतरा और अनन्नास प्रमुख हैं। वहीं अर्थव्यवस्था की मुख्य पैदावार मक्का, चावल, जौ और कुटू है। इसके अलावा बाजरा, गेंहू, दलहन, अदरक, तिलहन और गन्ना आदि मुख्य फसलें हैं।