
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति की प्रक्रिया पर कड़ी असहमति व्यक्त की। राहुल गांधी ने चयन समिति से भारत के चीफ जस्टिस को बाहर रखने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करके और चीफ जस्टिस को चयन समिति से हटाकर सरकार ने हमारी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर करोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली समिति में शामिल लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने अपना असहमति पत्र प्रस्तुत करते हुए चयन प्रक्रिया को अपमानजनक और अशिष्ट बताया। राहुल गांधी अपने नोट में आगे कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर के आदर्शों को कायम रखना और सरकार को जवाबदेह ठहराना उनका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर मेरा कर्तव्य है कि मैं बाबासाहेब अंबेडकर और हमारे देश के संस्थापक नेताओं के आदर्शों को कायम रखूं और सरकार को जवाबदेह ठहराऊं।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की तरफ से नई मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए आधी रात को निर्णय लेना अपमानजनक और अशिष्टतापूर्ण है, जबकि समिति की संरचना और प्रक्रिया को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जा रही है। इस पर अड़तालीस घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रिटायर्ड होने वाले हैं। वरिष्ठता के मामले में ज्ञानेश कुमार राजीव कुमार की रिटायरमेंट के बाद सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त होंगे। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है। केंद्र सरकार ने बैठक से पहले एक सर्च कमेटी का गठन किया था। सीईसी और ईसी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है।
कांग्रेस पार्टी ने इस प्रक्रिया पर कड़ी आपत्ति जताई है। इससे पहले सरकार से चयन बैठक स्थगित करने का आग्रह किया था, क्योंकि पिछले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है।