बदलते मौसम में लें बैलेंस्ड डाइट

सर्दियां जाते-जाते और गर्मी आने से पहले मौसम में बदलाव सेहत पर बुरा असर डाल रहा है। इन दिनों दिन में गर्मी और रात में ठंडक बढ़ने से लोग तेजी से वायरल और फ्लू की चपेट में आ रहे हैं। सर्दी-खांसी के मामले भी बढ़ रहे हैं, जिससे लोगों को गले में खराश, बंद नाक और सिरदर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

बदलते मौसम में वायरल संक्रमण तेजी से फैलता है। अगर किसी को तीन दिन से ज्यादा बुखार बना रहता है, ठंड लगती है, जोड़ों में दर्द होता है या सिरदर्द और कमजोरी महसूस होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

इस मौसम में मलेरिया, डेंगू, वायरल फीवर या टाइफाइड जैसी बीमारियों का ज्यादा खतरा हो सकता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। इसके अलावा, सर्दी-खांसी, गले में खराश और नाक बंद जैसी समस्याओं को भी हल्के में न लें। अगर यह लक्षण लगातार बने रहते हैं, तो सही समय पर जांच और इलाज से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां जैसे मलेरिया और डेंगू इस मौसम में भी लोगों को बीमार बना रही हैं। मलेरिया में तेज बुखार, ठंड लगना, पसीना आना और कमजोरी महसूस होती है। जबकि डेंगू में बुखार के साथ सिरदर्द, बदन दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते दिखने लगते हैं।

बदलते मौसम में वायरल फीवर, फ्लू और टाइफाइड जैसी बीमारियां भी बढ़ रही हैं। सर्दी-खांसी के मामलों में भी इजाफा हो रहा है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत, गले में खराश और थकान जैसी समस्याएं हो रही हैं। इसके अलावा शरीर में पानी की कमी या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या की शुरुआत में भी बुखार आ सकता है। ऐसे में सेल्फ-मेडिकेशन से बचें और डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

बार-बार बुखार और सर्दी-खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मलेरिया, डेंगू और वायरल फीवर का टेस्ट करवाएं। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और बैलेंस्ड डाइट लें।मच्छरों से बचाव के लिए सावधानी बरतें। गर्म पानी से गरारे करें और भाप लें, जिससे सर्दी-खांसी में राहत मिले।

खुद से एंटीबायोटिक लेने से बचें, सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं लें। रोजाना व्यायाम और सही दिनचर्या अपनाकर अपनी इम्यूनिटी मजबूत करें। बदलते मौसम में सतर्क रहें और अपनी सेहत का ध्यान रखें। किसी भी तरह की परेशानी होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लें ताकि समय पर सही इलाज शुरू किया जा सके।

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