चैत्र नवरात्रि के साथ होती है हिंदू नववर्ष की शुरुआत

चैत्र में नवरात का शुभारंभ इस साल 30 मार्च से होगा और 7 अप्रैल को नवरात्रि का आखिरी व्रत होगा। इसी दिन रामनवमी मनाई जाएगी और अयोध्‍या समेत देश भर में भगवान राम के जन्‍मोत्‍सव से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। नवरात्रि साल में 4 बार आते हैं और जिसमें से 2 प्रकट नवरात्रि होते हैं और 2 गुप्‍त नवरात्रि होते हैं।

प्रकट नवरात्रि में पहला नवरात्रि चैत्र के महीने में और दूसरा आश्विन मास में पड़ता है। इन 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा और उपासना पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ की जाती है। चैत्र नवरात्रि के आरंभ से ही हिंदू नववर्ष का भी आरंभ माना जाता है और इस दिन महाराष्‍ट्र का प्रमुख पर्व गुड़ी पड़वा भी मनाया जाता है। 

नवरात्रि नौ दिनों तक चलने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है। यह मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का पर्व है। चैत्र नवरात्रि इस साल 30 मार्च 2025 से शुरू होकर 7 अप्रैल 2025 तक चलेगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च शाम 4 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी। यह तिथि 30 मार्च दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए नवरात्रि का शुभारंभ 30 मार्च से होगा।

चैत्र नवरात्रि का आरंभ इस साल रविवार से हो रहा है यानी कि इस साल मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर धरती पर आएंगी। मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है। ऐसा होने धन धान्‍य में वृद्धि होती है और देश की अर्थ व्‍यवसथा में सुधार होता है। मां दुर्गा हाथी से आएंगी और सोमवार 7 अप्रैल को समापन होने पर हाथी से ही प्रस्‍थान करेंगी। यह बहुत ही शुभ माना जा रहा है। इस शुभ अवसर मां दुर्गा की मन से पूजा करने पर आपकी हर मनोकामना सिद्ध हो सकती है।

चैत्र नवरात्रि, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के दौरान मनाई जाती है। चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। चैत्र नवरात्रि आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति करने वाली होती है और दिन 9 दिनों में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है और यह नौ दिनों तक चलता है, जबकि चैत्र नवरात्रि केवल कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। मान्‍यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा बहुत ही प्रसन्‍न मुद्रा में होती है और अपने भक्‍तों की सभी मनोकामनाएं आसानी से पूरी कर देती हैं। इसके साथ ही व्रत रखने से हमारे शरीर की शुद्धि होती है और मन में विचार भी अच्‍छे आते हैं।

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