प्रकृति का अद्भुत क्षेत्र है महाबलीपुरम

चेन्नई, जिसे पहले मद्रास के नाम से जाना जाता था, भारत के तमिलनाडु राज्य की राजधानी है और यह दक्षिण भारत का सबसे महत्वपूर्ण शहर है। चेन्नई की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक स्थल, सुंदर समुद्र तट, और आधुनिक जीवनशैली इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल बनाते हैं। यह शहर न केवल अपने व्यापारिक महत्त्व के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां के ऐतिहासिक मंदिरों, संगीत, नृत्य और काव्य कला के लिए भी प्रसिद्ध है। 

महाबलीपुरम, चेन्नई से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में जाना जाता है। प्रकृति का अद्भुत मिलाजुला क्षेत्र है। यहां के रॉक कट मंदिर, समुद्र तट और अद्भुत वास्तुकला पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। विशेष रूप से “पंच रथ” और “अरजुन की तपस्या” जैसे स्थल यहाँ की ऐतिहासिक धरोहर को उजागर करते हैं।

महाबलीपुरम एक प्राचीन बंदरगाह शहर था, जिसे 7वीं शताब्दी में पल्लव वंश के शासक, राजा नरसिंहवर्मन I द्वारा स्थापित किया गया था। इसे पहले मामल्लापुरम के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है “महान पहलवान का नगर,” जो राजा नरसिंहवर्मन के उपनाम से लिया गया है। यह स्थल पल्लव काल की शिल्पकला और वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है।

महाबलीपुरम, जिसे मामल्लापुरम भी कहा जाता है, तमिलनाडु राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है, जो अपनी प्राचीन वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। महाबलीपुरम की सबसे बड़ी खासियत यहां के रॉक-कट मंदिर हैं, जिन्हें पेंट और नक्काशी के जरिए शानदार तरीके से बनाया गया है। इनमें से कुछ मंदिर सागर के किनारे बने हुए हैं, जैसे कि शोर टेम्पल, जो समुद्र के पास स्थित है और बेहद प्रसिद्ध है।

महाबलीपुरम का समुद्र तट पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थल है, जहां आप समुद्र के किनारे आराम कर सकते हैं और सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। महाबलीपुरम के ऐतिहासिक स्थल और इसके वास्तुकला की जटिलताएं इस स्थान को भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती हैं। यहाँ पर्यटन के साथ-साथ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी बड़ी संख्या में होती हैं।

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