
हिंदू धर्म में स्कंद षष्ठी एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व भगवान कार्तिकेय से जुड़ा है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं दक्षिण भारत में यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान स्कंद मां पार्वती के पुत्र माने जाते हैं।
भगवान स्कंद की पूजा विशेष रूप से युद्ध, विजय, और शत्रु नाश के लिए की जाती है। बता दें कि ‘देवताओं के सेनापति’ के रूप में स्कंद को पूजा जाता है। क्योंकि भगवान स्कंद ने दैत्यों से देवताओं की रक्षा की थी। स्कंद षष्ठी के दिन व्रत रखने और पूजा करने से जातक के शत्रुओं का नाश होता है और वह अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।
दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय को मुरुगन के नाम से जाना जाता है। दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय को श्रीखंड का भोग लगाना एक प्राचीन परंपरा है। माना जाता है कि यह भगवान मुरुगन का आशीर्वाद पाने का अच्छा माध्यम है। श्रीखंड को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। भगवान कार्तिकेय को श्रीखंड अतिप्रिय है।
भगवान कार्तिकेय को युद्ध के देवता के रूप में भी जाना जाता है। भगवान कार्तिकेय हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवता हैं। इनकी पूजा करने से विजय, शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।