जीवन में पर्यटन के सर्वाधिक महत्व के कारण ही हर साल 25 जनवरी को भारतीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है। भारत की विविधता और बहुसंस्कृतिवाद के कारण, यह दिन देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव के साथ साथ जीवन में खुशियो को उजागर करता है। इस दिवस की शुरुआत 1948 के बाद आर्थिक विकास और सांस्कृतिक कूटनीति को बेहतर बनाने के लिए पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने की पहल से हुई।
“अतुल्य भारत” जैसे आयोजनों को बढ़ावा दिया गया है ताकि वैश्विक स्तर पर भारतीय विरासत, पर्यटन सुंदरता एवं समृद्धता को प्रदर्शित किया जा सके। बदलते समय के साथ राष्ट्रीय पर्यटन दिवस नई पहलों, नीतिगत सुधारों और क्षेत्र की उपलब्धियों का जश्न मनाने पर ध्यान केंद्रित करने वाले दिन के रूप में विकसित हुआ है।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 2025 की थीम ‘समावेशी विकास के लिए पर्यटन’ है, जो आर्थिक विकास को प्रेरित करने में पर्यटन के महत्व पर प्रकाश डालता है, साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि इसका लाभ भारत में समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे। इसका उद्देश्य रोजगार सृजन और पर्यटन परम्पराओं को बढ़ावा देने, विविध भारतीय सांस्कृतिक विरासत और डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देकर स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना है।
भारत विश्व स्तर पर पांचवां सबसे बड़ा यात्रा और पर्यटन बाजार बनने के लिए तैयार है। भारत में पर्यटन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और 2027 तक तीसरा सबसे बड़ा घरेलू बाजार बनने की उम्मीद है। 2023 में, भारत में पर्यटन पर होने वाला खर्च 2019 के 127 बिलियन डॉलर से बढ़कर 174 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया। सबसे ज्यादा पर्यटक तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र सहित 5 राज्यों में गए, जहाँ कुल मिलाकर 65 प्रतिशत पर्यटक आए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता से धार्मिक पर्यटन को नये पंख लगे हैं, अयोध्या में बना भगवान श्रीराम का मन्दिर एवं इन दिनों प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ ने धार्मिक पर्यटन के नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। धार्मिक पर्यटन आर्थिक उन्नति और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। धार्मिक पर्यटन से देश की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है और लोगों में आस्था बढ़ती है, साथ ही, इससे अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलता है।
धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं का अधिकतम लाभ लेने के लिए ऐसी सभी जगहों को बेहतरीन बुनियादी सुविधाओं, सड़क और एयर कनेक्टिविटी, आने वालों की सुरक्षा और सेवा दी जा रही है। उत्तर प्रदेश देश ही नहीं दुनिया का सर्वाधिक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन प्रांत है। भारत की अर्थव्यवस्था पर्यटन-उद्योग के इर्द-गिर्द घूमती रही है।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का महत्व बेहद सीधा और सरल है- देश में पर्यटन की प्रमुखता को उजागर करना और यह भारत की आर्थिक संभावनाओं को प्रभावित करता है। पर्यटन सिर्फ हमारे जीवन में खुशियों के पलों को वापस लाने में ही मदद नहीं कर रहा है बल्कि यह देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का माध्यम भी बन रहा है।
भारतीय पर्यटन दिवस वैश्विक पर्यटक को बढ़ावा देने के प्रयास हेतु मील के पत्थर के रूप में देखा जाता है एवं इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्व में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सामाजिक विरासत को जीवंतता देना एवं उसके प्रति जन जागरूकता फैलाना है।
देश की पुरातात्विक विरासत या सांस्कृतिक धरोहर केवल दार्शनिक, धार्मिक, सांस्कृतिक स्थल के लिए नहीं है बल्कि यह राजस्व प्राप्ति का भी स्रोत है। पर्यटन क्षेत्रों से कई लोगों की रोजी-रोटी भी जुड़ी है। आज भारत जैसे देशों को देखकर ही विश्व के लगभग सभी देशों में पुरानी और ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण, संवर्द्धन किया जाने लगा है।