अगर वास्तु के मुताबिक घर में कोई भी चीज न हो, तो यह घर में हमेशा कुछ न कुछ अपशगुन होते रहते हैं। वहीं, घर में बरकत नहीं रहती है। वास्तु शास्त्र हमारे जीवन में काफी अधिक महत्व है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक किचन एक पवित्र जगह है, किचन को बनाने से पहले वास्तु का ध्यान रखना काफी जरुरी है।
यदि वास्तु के हिसाब से किचन बनीं हो, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा रहने पर परिवार में सुख-समृद्धि, सुख, वैभव और अच्छी सेहत मिलती है। अगर वास्तु हिसाब से किचन नहीं हो, तो घर में नकारात्म ऊर्जा होने व्यक्ति को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में किचन दक्षिण-पूर्व दिशा में या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इस दिशा में काफी शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन में चूल्हा हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। खाने पकाने वाला व्यक्ति का चेहरा हमेशा पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, सिंक उत्तर पश्चिम दिशा में होने चाहिए। किचन में चूल्हे और सिंक के बीच ज्यादा दूरी होनी चाहिए। ध्यान रहे कि कभी किचन और सिंक को आसपास नहीं होना चाहिए।
वास्तु मुताबिक, किचन की पश्चिम वाली वॉल यानी के दीवार पर किचन का सामान रखने के लिए अलमारी बनानी चाहिए और उत्तर, पूर्व की दीवार खाली छोड़ दें। वास्तु के मुताबिक, रसोई की किचन मे एक खिड़की का होना बेहद जरुरी है। खिड़की पूर्व दिशा में खुलने वाली होना शुभ होता है।