मेरठ। मेरठ जिले के गांवों में ऑप्टिकल फाइबर की सुविधा मिलेगी। जल्द ही गांवों में ऑप्टिकल फाइबर केबिल बिछाई जाएगी। गांव को डिजिटल रूप से समृद्ध बनाने की पहल के तहत इंट्रा सर्कल रोमिंग (डीबीएन द्वारा वित्त पोषित 4जी मोबाइल साइट्स), संचार साथी मोबाइल एप और नेशनल ब्राडबैंड मिशन 2.0 (एनबीएम 2.0) सहित तीन प्रमुख सेवाओं की ऑनलाइन शुरुआत की गई है।
मेरठ के सभी 12 ब्लाकों के 479 ग्राम पंचायतों के 652 गांवों में 2030 तक ऑप्टिकल फाइबर का विस्तार कर दिया जाएगा। इसी के साथ मेरठ के सरकारी स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और पंचायत कार्यालयों में ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान की जाएंगीं। फिक्स्ड ब्रांडबैंड डाउनलोड स्पीड के राष्ट्रीय औसत को न्यूनतम 100 एमबीपीएस तक बढ़ाने की तैयारी भी की जा रही है।
इसके अलावा जिले में लगे मोबाइल टावर में टिकाऊ ऊर्जा को बढ़ाया जाएगा। इस पहल से कनेक्टिविटी, सुरक्षा के साथ ब्राडबैंड की पहुंच को हर ग्राम पंचायत तक पहुंचाया जाएगा। दूरसंचार अतिरिक्त डीजीटी नरेश खन्ना के मुताबिक यह पहल आने वाले समय में बहुत लाभदायक सिद्ध होगी।
इसका उद्देश्य गांवों को डिजिटल करने के साथ ही पंचायतों को सशक्त बनाना, एक मजबूत और सुरक्षित तेज रफ्तार संचार तंत्र विकसित करना है। यह प्रयास 2047 के विकसित भारत के दृष्टिकोण में बड़ा योगदान देगा। इससे पंचायतों के डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
संचार लेखा नियंत्रक (सीसीए) निर्दोष यादव ने बताया कि डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) वित्त पोषित टावरों द्वारा कवर किए गए ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बीएसएनएल, एयरटेल और आरजेआईओ के ग्राहकों के लिए निर्बाध 4जी कनेक्टिविटी के लिए सक्षम बनाएगी। यह गांवों में स्थापित टावरों के साथ बिना कनेक्टिविटी में सहायक है। इसी के साथ इसमें लागत भी कम आएगी। ये ग्रामीण इलाकों में ई-गवर्नेंस, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सेवाओं में बढ़ावा देने में मददगार साबित होगी।
संचार साथी पोर्टल और एंड्राॅयड और आईओएस पर उपलब्ध नया एप काफी मददगार साबित होंगे। ये धोखाधड़ी और स्पैम की रिपोर्टिंग करेंगे। इसी के साथ चोरी किए मोबाइल को ब्लॉक करता है। राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 के तहत मेरठ के ग्रामीण क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन के नए युग की शुरूआत हो सकेंगी।