हिंदी की महत्ता को बताता है वर्ल्ड हिंदी दिवस

विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना और इसे विश्वभर में एक महत्वपूर्ण भाषा के रूप में स्थापित करना है। यह दिन 2006 में भारत सरकार द्वारा इसलिये घोषित किया गया था क्योंकि 10 जनवरी 1949 को भारतीय विदेश मंत्रालय में हिंदी को एक कार्यालय भाषा के रूप में अपनाया गया था।

इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों, सेमिनारों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जहां हिंदी भाषा की महत्ता, उसकी सांस्कृतिक धरोहर और वैश्विक संदर्भ में उसकी भूमिका पर चर्चा की जाती है। विश्व हिंदी दिवस का महत्व न केवल भारत में, बल्कि विश्व भर में है। हिंदी दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। इसका इतिहास, साहित्य, संस्कृति और कला भी बहुत समृद्ध है, और इसका प्रभाव भारत और उसके बाहर भी बहुत गहरा है।

विश्व हिंदी दिवस के साथ ही विश्व हिंदी सम्मेलन का भी आयोजन किया जाता है, जो एक अंतरराष्ट्रीय मंच है, जहां हिंदी भाषा, साहित्य और संस्कृति के प्रमुख लोग एकत्रित होते हैं। इसमें भारतीय और विदेशी हिंदी विद्वान, लेखक, साहित्यकार और शोधकर्ता भाग लेते हैं और हिंदी को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूत करने के लिए अपने विचार साझा करते हैं।

हिंदी साहित्य का योगदान भी बहुत महत्वपूर्ण रहा है। सूरदास, तुलसीदास, कालिदास, प्रेमचंद, माखनलाल चतुर्वेदी, जयशंकर प्रसाद और निराला जैसे महान साहित्यकारों ने हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। आज के समय में हिंदी की कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक और अन्य शैलियों में भी नये लेखक अपनी पहचान बना रहे हैं।

इस दिन को मनाने से यह भी सुनिश्चित होता है कि हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर है जिसे सहेजना और बढ़ावा देना बेहद आवश्यक है। विश्व हिंदी दिवस के उद्देश्य: इस दिन का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाना है। दुनियाभर में रहने वाले हिंदी बोलने वालों को यह याद दिलाने के लिए कि हिंदी एक महत्वपूर्ण भाषा है, इसे अपनी पहचान बनानी चाहिए।

हिंदी भाषा का फैलाव भारतीय संस्कृति, कला, साहित्य और फिल्मों का माध्यम बनकर हुआ है। हिंदी फिल्मों का प्रभाव पूरी दुनिया में है, और इसके जरिए भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो रहा है। विश्व हिंदी दिवस का आयोजन यह भी दिखाता है कि भाषा के जरिए हम सबको जोड़ सकते हैं। यह समाज में एकता, भाईचारे और समरसता को बढ़ावा देता है।

हिंदी केवल भारत में नहीं, बल्कि नेपाल, पाकिस्तान, फिजी, त्रिनिदाद और टोबैगो, मॉरीशस और अन्य देशों में भी बोली जाती है। यह दिन इन देशों में भी हिंदी के महत्व को मान्यता देने का अवसर है।

Related Articles

Back to top button