प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में प्रयागराज का संगम घाट न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि यह नारी सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा। इस भव्य आयोजन में जय त्रिवेणी जय प्रयागराज आरती समिति द्वारा दो महीने तक कन्याओं द्वारा आरती कराई जाएगी। यह आयोजन महिलाओं को सशक्त बनाने और समाज में समानता के संदेश को फैलाने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल करना और उन्हें सम्मानित करना है। इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया जाएगा कि महिलाएं हर क्षेत्र में योगदान देने के लिए सक्षम हैं और उनके लिए समान अवसरों का होना जरूरी है। महाकुंभ के दौरान यह आरती कन्याओं द्वारा कराई जाने वाली एक प्रेरणादायक पहल होगी, जो न केवल आध्यात्मिक महत्व रखेगी बल्कि समाज में नारी सशक्तिकरण और समाजिक समानता को बढ़ावा देगी।
महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हो रहा है और यह सरकार की ओर से किए गए युद्धस्तरीय प्रयासों के तहत दिव्य, भव्य, डिजिटल, स्वच्छ और सुरक्षित तरीके से आयोजित किया जाएगा। इस बार का महाकुंभ खास रूप से महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनेगा। संगम घाट पर होने वाली रोजाना की आरती को इस बार कन्याओं द्वारा संपन्न किया जाएगा, जो एक ऐतिहासिक पहल है।
इस आयोजन में महिलाएं डमरू और शंख बजाते हुए आरती करेंगी और पूजा की सभी रस्में अदा करेंगी। यह विशेष आयोजन महिलाओं का मुख्य योगदान सुनिश्चित करेगा और दुनिया भर में महिला सशक्तिकरण के संदेश को फैलाएगा। इस पहल का उद्देश्य न केवल धार्मिक क्रियाओं में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना है, बल्कि समाज में उनके महत्वपूर्ण योगदान को भी उजागर करना है।
जय त्रिवेणी जय प्रयागराज आरती समिति’ के सदस्य कृष्ण दत्त तिवारी ने कहा कि महाकुंभ 2025 में नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और महिलाओं तथा पुरुषों के बीच समानता की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। उनका मानना है कि यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक बदलाव को भी दर्शाएगा। कृष्ण दत्त तिवारी ने यह भी बताया कि इस आयोजन के दौरान कन्याओं द्वारा आरती किए जाने से महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा और यह समाज में महिलाओं की स्थिति को मजबूत करने का प्रतीक बनेगा।
इस पहल से यह संदेश जाएगा कि महिलाएं हर क्षेत्र में योगदान देने के लिए सक्षम हैं और उन्हें बराबरी का स्थान मिलना चाहिए। महाकुंभ 2025 का यह आयोजन नारी शक्ति को सम्मान देने और समाज में समानता की दिशा में एक कदम होगा।यह कदम महिलाओं को हर क्षेत्र में सम्मानित और सशक्त बनाने के लिए एक प्रेरणा का काम करेगा, और यह महाकुंभ का एक नया और ऐतिहासिक पहलू साबित होगा।