पौष पुत्रदा एकादशी एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह व्रत 10 जनवरी 2024 को रखा जाएगा। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और इसे पुत्रदा एकादशी कहा जाता है, क्योंकि इसे रखने से संतान सुख की प्राप्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति की आशा होती है।
उदया तिथि के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी 10 जनवरी, 2025 को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, 09 जनवरी को दिन 12.22 पी एम से एकादशी की शुरुआत होगी, जो कि 10 जनवरी के दिन 10.19 ए एम तक रहेगा। 11 जनवरी को पारण यानी के व्रत तोड़ने का समय सुबह 7 बजे से 8.21 से तक है। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय- 08.21 ए एम
व्रत की शुरुआत सूर्योदय से पहले स्नान करके घर के किसी स्वच्छ स्थान पर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए किया जाता है। रातभर जागकर भगवान विष्णु की आराधना करें। यदि संभव हो तो भागवद गीता या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, मंत्र जप और उपवासी रहने से जीवन में सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।