
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के खिलाफ दिए गए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मायावती ने कहा कि शाह के बयान से देश के दलित, वंचित और अन्य उपेक्षित समुदायों में गहरा आक्रोश और उत्तेजना पैदा हुई है। इसके विरोध में, बसपा 24 दिसंबर को देशभर में देशव्यापी आंदोलन करेगी।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर, जिन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया और दलितों, वंचितों, और अन्य उपेक्षित वर्गों के अधिकारों की रक्षा की, उन्हें भगवान की तरह परमपूजनीय माना जाता है। उनके द्वारा रचित संविधान एक अत्यधिक मानवतावादी और कल्याणकारी ग्रंथ है, जो समाज के हर वर्ग के लिए समानता और न्याय सुनिश्चित करता है।
मायावती का यह भी कहना था कि शाह के बयान से आंबेडकर के प्रति अपमानजनक दृष्टिकोण व्यक्त होता है, जिसे देशभर के सर्वसमाज द्वारा अस्वीकार किया गया है। मायावती ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर को पूजनीय माना जाता है, और उनका योगदान भारतीय संविधान और समाज के हर वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से बसपा उनके प्रति अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ अपनी आवाज उठाएगी।
Enlightenment Age Thinking The pre- and post-revolutionary era in American history generated propitious conditions for Enlightenment thought to thrive on an order comparable to that witnessed in the European Enlightenments. He knew that he must put in the sir whenever he could, but it sounded odd to him, and he was afraid of overdoing it.