समृद्धि और पुण्य की प्राप्ति का दिन अक्षय नवमी

अक्षय नवमी हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पुण्यकारी पर्व है, जिसे विशेष रूप से समृद्धि और पुण्य की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है। इस दिन किए गए अच्छे कर्मों का फल कभी समाप्त नहीं होता, इसलिए इसे अक्षय (जिसका कोई अंत न हो) नवमी कहा जाता है। इस साल अक्षय नवमी 10 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी।

अक्षय नवमी का विशेष संबंध भगवान श्रीहरि विष्णु से है, जो सृष्टि के पालनहार माने जाते हैं। इस दिन का महत्व विशेष रूप से पुण्य कार्यों के लिए है, क्योंकि इस दिन किए गए अच्छे कर्मों का फल शाश्वत और अक्षय रहता है, यानी इसका फल कभी भी समाप्त नहीं होता। यह दिन विशेष रूप से धन-संपत्ति, शांति, और धार्मिक उन्नति की प्राप्ति के लिए उपयुक्त माना जाता है।अक्षय नवमी के दिन

आंवले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। आंवला, जो स्वयं में भगवान विष्णु का रूप माना जाता है, की पूजा करने से अनंत पुण्यफल की प्राप्ति होती है। इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे दीपक जलाना, उसकी पूजा करना और उसे पानी देना अत्यंत शुभ माना जाता है।

  1. भगवान विष्णु की पूजा: इस दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए। भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसी के पत्ते और दीपक अर्पित करना चाहिए। साथ ही, उनका मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करना भी शुभ है।
  2. दान का महत्व: अक्षय नवमी के दिन दान का विशेष महत्व है। इस दिन गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को वस्त्र, अनाज, धन या फल दान करना बहुत फलदायी माना जाता है। साथ ही, आंवला और चावल का दान विशेष रूप से उत्तम माना जाता है।
  3. व्रत और उपवास: इस दिन का व्रत रखकर पूजा करना भी अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। व्रति (व्रत करने वाला व्यक्ति) इस दिन उपवास रखकर भगवान श्री विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करता है।

अक्षय नवमी एक ऐसा अवसर है, जब व्यक्ति अपनी धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को समझकर पुण्य कार्यों में संलग्न होता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान श्री विष्णु की कृपा प्राप्त करने और समृद्धि के लिए अत्यंत शुभ है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा, दान, और व्रत से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और अनंत पुण्य प्राप्त होता है।

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