
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस भारत में 7 नवम्बर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाना, इसके पहचान, रोकथाम और इलाज के तरीकों को प्रचारित करना है। यह दिन विशेष रूप से मैडम क्यूरी की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है, जो एक प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक थीं। उन्होंने कैंसर के इलाज में रेडियोथेरेपी के उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनका शोध परमाणु ऊर्जा और रेडियोधर्मी तत्वों के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुआ, और उनका कार्य कैंसर के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया।
कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो वैश्विक स्तर पर लगातार बढ़ रही है, और भारत में भी इसके मामलों में तेज़ी से वृद्धि देखी गई है। कैंसर के इलाज में शोध के बाद अब कई नई तकनीकों और उपचार विधियों का विकास हुआ है, लेकिन जागरूकता की कमी और समय पर निदान की असमर्थता आज भी कैंसर के इलाज में बड़ी चुनौतियां उत्पन्न करती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के बारे में सचेत करना है, ताकि वे इसके शुरुआती लक्षणों को पहचान सकें और समय रहते इलाज करा सकें।
मैडम क्यूरी के योगदान को याद करते हुए यह दिन कैंसर से लड़ने की हमारी क्षमता को प्रोत्साहित करता है और रेडियोथेरेपी जैसी तकनीकों के महत्व को रेखांकित करता है, जो आज भी कैंसर के उपचार में अहम भूमिका निभाती हैं। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों और संघर्ष ने यह साबित किया कि सही दिशा में किया गया शोध और प्रयास बड़ी समस्याओं का समाधान कर सकता है।
इस दिन, विभिन्न संगठनों और स्वास्थ्य विभागों द्वारा कैंसर के रोकथाम, पहचान और इलाज के तरीकों पर जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि लोग इस जानलेवा बीमारी से बचाव के उपायों के प्रति अधिक सतर्क और जागरूक हो सकें।