दिल्ली में ए क्यू आई 293 पर पहुंच कर ‘खराब’ श्रेणी में पहुँचा

दिल्लीI में हालिया धुंध और वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक है। जब AQI 293 पर पहुंच जाता है, तो यह ‘खराब’ श्रेणी में आता है, और आनंद विहार का 339 का स्तर तो ‘बहुत खराब’ है। इससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों पर। इंडिया गेट के आसपास का AQI 270 भी खराब है। ऐसी स्थितियों में लोगों को बाहर निकलने से बचने और मास्क पहनने की सलाह दी जाती है।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर है, खासकर द्वारका सेक्टर-8 और विवेक विहार में AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ AQI के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं।

दिल्ली सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-1 (जीआरएपी-1) के तहत कई उपाय लागू किए हैं। पानी का छिड़काव करने के लिए पीडब्ल्यूडी ने कई वाहन तैनात किए हैं, और 99 निरीक्षण टीमों को निर्माण स्थलों का जायजा लेने के लिए नियुक्त किया गया है।

दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए कई उपाय किए हैं:

  1. ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी-1): यह योजना विभिन्न प्रदूषण स्तरों के आधार पर कार्रवाई की रूपरेखा प्रदान करती है। जैसे ही AQI बढ़ता है, उपायों को सख्ती से लागू किया जाता है।
  2. धूल नियंत्रण: पीडब्ल्यूडी ने निर्माण स्थलों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए 99 निरीक्षण टीमों को नियुक्त किया है।
  3. पानी का छिड़काव: धूल प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
  4. एंटी-स्मॉग गन: पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनसीआरटीसी, और डीएमआरसी ने कई एंटी-स्मॉग गन तैनात की हैं, जो वायु में धूल कणों को कम करने में मदद करती हैं।
  5. यातायात प्रबंधन: दिल्ली पुलिस ने यातायात-घनत्व वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया है, ताकि धूल प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
  6. सार्वजनिक जागरूकता: मुख्यमंत्री आतिशी ने नागरिकों से कारपूल करने, पटाखे और कचरा जलाने से बचने की अपील की है।
  7. ग्रीन दिल्ली ऐप: यह ऐप नागरिकों को प्रदूषण की घटनाओं की रिपोर्ट करने में मदद करता है, जिससे प्रशासन त्वरित कार्रवाई कर सके।

ये उपाय मिलकर वायु गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैंI

मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्लीवासियों से सहयोग की अपील की है, जैसे कारपूलिंग करना और प्रदूषण की घटनाओं की रिपोर्ट करना। इसके साथ ही, निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों का पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। यह प्रयास प्रदूषण के स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण हो सकता है।

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