Trending

एमवीए मुस्लिम को सीएम बनाकर राजनीतिक लाभ लेने की रणनीति में

महाविकास अघाड़ी सरकार को लेकर इस बीच बड़ा दावा किया जा रहा है। एमवीए ने लोकसभा चुनाव में जातिगत समीकरण, धार्मिक ध्रुवीकरण और वोटिंग पैटर्न को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनानी शुरू कर दी हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार एमवीए किसी मुस्लिम चेहरे को सीएम चेहरा बनाकर ध्रुवीकरण का राजनीतिक लाभ लेने की रणनीति बना सकती है। विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों ने रणनीतियों पर अमल करना शुरू कर दिया है। एमवीए ने लोकसभा चुनाव में जातिगत समीकरण, धार्मिक ध्रुवीकरण और वोटिंग पैटर्न को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनानी शुरू कर दी हैं।

राज्य के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि महाविकास अघाड़ी ने भविष्य में इसी वोट समूह के लिए एक मुस्लिम उपमुख्यमंत्री बनाने का लगभग फैसला कर लिया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं ने महाविकास अघाड़ी के पक्ष में जमकर वोट किया। महायुति की सीटें, जो लाखों लोगों के नेतृत्व में थीं, एक विधानसभा क्षेत्र में हार गईं क्योंकि मुस्लिम बहुसंख्यक मतदाताओं ने इसके खिलाफ मतदान किया था। पूर्वोत्तर मुंबई, उत्तर मध्य मुंबई, धुले जैसे कई स्थान इस पैटर्न के उदाहरण हैं। कुछ लोग कहते हैं कि मुस्लिम मतदाता कभी भी भाजपा को वोट नहीं देते। लोकसभा चुनाव में यह साफ तौर पर देखने को भी मिला है। यह सिलसिला हाल ही में हुए हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों में भी जारी रहा। 

2019 में हुए विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो पता चलता है कि मुस्लिम मतदाता सीधे तौर पर महाविकास अघाड़ी के पक्ष में मतदान करते हैं। एमवीए यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि उसका असली मतदाता एमआईएम या वंचित बहुजन अघाड़ी में स्थानांतरित न हो जाए। तो वहीं दूसरी ओर, उद्धव ठाकरे ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि विधानसभा चुनाव में भी उद्धव की यही नीति जारी रहेगी। वहीं पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो संभावना है ध्रुवीकरण की राजनीति का अंत नहीं होने वाला। यह सिलसिला जारी रहेगा। हालांकि कांग्रेस लगातार कमजोर होती जार रही है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि “कांग्रेस नई मुस्लिम लीग बन गई है। हिंदुओं का कांग्रेस में और कांग्रेस के साथ कोई भविष्य नहीं है।”

Related Articles

Back to top button