नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की उपस्थिति में वरिष्ठ राजनेता के केशव राव कांग्रेस में शामिल हुए। खड़गे ने राव को पार्टी का दुपट्टा देकर सम्मानित करते हुए पार्टी में उनका स्वागत किया। एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल, एआईसीसी तेलंगाना प्रभारी दीपा दासमुंशी और मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी भी उपस्थित थे। कुछ हफ्ते पहले बीआरएस छोड़ने और कांग्रेस में दोबारा शामिल होने के बाद राव के लिए यह ‘घर वापसी’ थी।
राव ने 2000 के मध्य में संयुक्त आंध्र प्रदेश में आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था, जब दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। एक वरिष्ठ सांसद, राव जब पार्टी में थे, तब वे पूर्व मुख्यमंत्री और बीआरएस अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) के करीबी थे। वह पार्टी में केसीआर और पूर्व आईटी मंत्री व विधायक केटी रामाराव के बाद तीसरे नंबर पर थे। बीआरएस छोड़ने के बाद, राव ने कहा कि वह कांग्रेस में फिर से शामिल होना चाहते हैं जहां उन्होंने दशकों पहले अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था।
उन्होंने महबूब कॉलेज एमपी हाई स्कूल में शिक्षक के रूप में एक छोटे कार्यकाल के बाद एक पत्रकार, अभिनेता निर्माता के रूप में अपना करियर शुरू किया। वह हैदराबाद से छपने वाले अंग्रेजी के लोकप्रिय दैनिक द डेली न्यूज के संपादक थे। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस, विजयवाड़ा और द पैट्रियट, दिल्ली में प्रशिक्षुता हासिल की। उनकी रचनाओं को खूब सराहा गया। उन्होंने आपातकाल (1975-77) का विरोध किया, विशेषकर मीडिया की सेंसरशिप का और इसके लिए द डेली न्यूज़ को काली सूची में डाल दिया गया।
राव एक वरिष्ठ कांग्रेसी रहे हैं और पार्टी तथा सरकार में कई उच्च पदों पर रहे हैं। उन्हें आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (2005) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया और बाद में वर्ष 2009 में उन्हें कांग्रेस कार्य समिति, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का सदस्य बनाया गया। उन्हें चार राज्य: पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का का प्रभारी बनाया गया। राव आंध्र प्रदेश राज्य में लगातार तीन सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे और उनके पास शिक्षा, उद्योग और श्रम जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे। इससे पहले केशव राव आंध्र प्रदेश विधान परिषद के उपाध्यक्ष थे।