नए आपराधिक कानून के तहत मामला दर्ज

देश भर में एक जुलाई से नए कानून लागू हुए है। इस नए कानून के तहत ही दिल्ली में पहला मामला भी दर्ज हो गया है। ये पहला मामला दिल्ली के कमला मार्केट इलाके में सामने आया है। यहां खुद पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दी थी। तीन नए आपराधिक कानून सोमवार को पूरे देश में लागू हो गए और इनमें से किसी एक धारा के तहत दर्ज किया गया यह पहला मामला है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के नीचे अवरोध पैदा करने और बिक्री करने के आरोप में रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर के अनुसार, आरोपी की पहचान बिहार के बाढ़ निवासी पंकज कुमार के रूप में हुई है। आरोपी कथित तौर पर कमला मार्केट क्षेत्र में मुख्य सड़क के पास एक ठेले पर पानी और तंबाकू बेच रहा था, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही थी।

एफआईआर में कहा गया है कि जब गश्त कर रहे अधिकारियों ने कुमार से अपना ठेला हटाने को कहा तो उसने उनकी बात अनसुनी कर दी। इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी के स्थान पर नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू किया गया है। आईपीसी के विपरीत, भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं हैं। संहिता में 20 नये अपराध जोड़े गए हैं तथा नये आपराधिक कानून के तहत 33 अपराधों के लिए जेल की सजा बढ़ा दी गई है।

भारतीय न्याय संहिता के तहत 83 अपराधों में जुर्माना राशि बढ़ा दी गई है और 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा की शुरुआत की गई है। छह अपराधों में सामुदायिक सेवा के लिए दंड की शुरुआत की गई है और अधिनियम से 19 धाराओं को निरस्त या हटा दिया गया है। सभी नई एफआईआर 1 जुलाई से नए आपराधिक कानूनों के तहत दर्ज की जाएंगी। हालांकि, पहले दर्ज किए गए मामलों की सुनवाई अंतिम निपटारे तक पुराने कानूनों के तहत ही होती रहेगी। 

नए कानूनों में भारत में आधुनिक न्याय प्रणाली लागू करने की योजना है, जिसमें शून्य एफआईआर, पुलिस शिकायतों का ऑनलाइन पंजीकरण, एसएमएस जैसे इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से सम्मन और सभी जघन्य अपराधों के लिए अपराध स्थलों की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल किए गए हैं।

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