18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आज से आगाज हो गया। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई देने के बाद सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा की सदस्यता की शपथ ली। उसके बाद अन्य मंत्रियों और सांसदों के शपथ लेने का सिलसिला शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों से मिलकर काम करने का आह्वान किया पर विपक्ष ने जिस तरह अपनी ताकत का प्रदर्शन किया उससे स्पष्ट हो गया है कि सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने के लिए विपक्षी दल पूरी तरह तैयार होकर आये हैं।
हम आपको बता दें कि लोकसभा सत्र शुरू होने से पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेताओं ने संसद परिसर में संविधान की प्रति लेकर विरोध प्रदर्शन किया।इससे पहले प्रधानमंत्री ने संसद परिसर में अपने संबोधन के दौरान एक भारत श्रेष्ठ भारत की अनोखी तस्वीर भी प्रस्तुत की। दरअसल जब प्रधानमंत्री मीडिया को संबोधित करने पहुँचे तो उनके साथ उत्तर से सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, दक्षिण से सांसद और केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन, पश्चिम से सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और उत्तर-पूर्व से सांसद तथा केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि देश की जनता विपक्ष से संसद की गरिमा बनाए रखने की उम्मीद करती है ना कि ‘नखरे, ड्रामा, नारेबाजी और व्यवधान’ की। उन्होंने कहा कि देश को एक अच्छे और जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता है। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने सभी नवनिर्वाचित सांसदों से इस सत्र का उपयोग जनहित में करने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा, ‘‘सभी सांसदों से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं। मैं सभी सांसदों से आग्रह करूंगा कि वे जनहित के लिए इस अवसर का उपयोग करें और जनहित में हर संभव कदम उठाएं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है। अब तक जो निराशा मिली है… इस 18वीं लोकसभा में देश का सामान्य नागरिक विपक्ष से अपेक्षा करता है कि वह जिम्मेवार विपक्ष के नाते अपनी भूमिका का निर्वाह करे, लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने की देश उनसे अपेक्षा करता है… मैं आशा करता हूं कि विपक्ष उसमें खरा उतरेगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आम जन अपेक्षा करता है कि सदन में बहस हो।