स्पीकर पद पर एनडीए में मतभेद

देश में तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने के बाद अब लोकसभा के स्पीकर पद को लेकर सियासत तेज है। लोकसभा चुनाव में 240 सीट हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी अपने पास लोकसभा अध्यक्ष का पद रखना चाहती है और घटक दलों को उपाध्यक्ष का पद ऑफर कर सकती है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एनडीए के सहयोगी दलों से बातचीत करने का जिम्मा सौंपा गया है।

18वीं लोकसभा के लिए संसद का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा। 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। एक दिन पहले दोपहर तक उम्मीदवार के नाम का खुलासा होगा। इसे लेकर विपक्षी दलों का कहना है कि एनडीए के सहयोगी दलों के पास लोकसभा उपाध्यक्ष का पद होना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोकसभा उपाध्यक्ष पद के लिए इंडिया महाठबंधन अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकता है।

एनडीए की सरकार में किंगमेकर जेडीयू और टीडीपी के बीच लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर मतभेद नजर आ रहा है। भाजपा चाहती है कि उसके पास ही लोकसभा अध्यक्ष का पद रहे। भाजपा के इस फैसले से नीतीश कुमार सहमत हैं, लेकिन चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी चाहती है कि लोकसभा स्पीकर पद को लेकर पहले एनडीए में चर्चा हो, इसके बाद उम्मीदवार के नाम फाइनल हो।

इसे लेकर जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी और टीडीपी एनडीए का हिस्सा है। उनकी पार्टी लोकसभा स्पीकर पद के लिए भाजपा द्वारा नामित उम्मीदवार का समर्थन करेगी। उन्होंने आगे कहा कि स्पीकर हमेशा सत्तारूढ़ दल का होता है।टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पट्टाभि राम कामारेड्डी ने कहा कि एनडीए के सहयोगी दल साथ बैठकर तय करेंगे कि स्पीकर के लिए उम्मीदवार कौन होगा? एक बार आम सहमति बनने के बाद उस उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे और फिर टीडीपी समेत सभी सहयोगी दल उस उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।

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