सरकार कभी भी गिर सकती

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार को लेकर बड़ा दावा किया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने Modi 3.0 को अल्पमत की सरकार बताया है। बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए गलती से एनडीए की सरकार बन गयी है। मोदी जी के पास जनादेश नहीं है। उन्होंने कहा कि यह अल्पमत सरकार है। यह सरकार कभी भी गिर सकती है। हम चाहेंगे कि ये चलता रहे, ये देश के लिए अच्छा हो, हम मिल कर देश को मजबूत करने के लिए काम करें।

खड़गे ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री को जो कुछ अच्छा चल रहा है उसे चलने नहीं देने की आदत है। लेकिन हम देश को मजबूत करने की दिशा में सहयोग करेंगे। इससे पहले उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव में देश ने ऐसा जवाब दिया कि मोदी सरकार को दूसरों के घरों से कुर्सियां उधार लेकर अपना सत्ता का “घर” संभालना पड़ रहा है। 17 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री जी ने देश को “मोदी की गारंटी” दी थी कि 2022 तक हर भारतीय के सिर पर छत होगी। ये “गारंटी” तो खोखली निकली !

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अब 3 करोड़ PM आवास देने का ढिंढोरा ऐसे पीट रहे हैं, जैसे पिछली गारंटी पूरी कर ली हो! उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी जी की आवास योजना में 49 लाख शहरी आवास यानी 60 प्रतिशत घरों का अधिकतर पैसा जनता ने अपनी जेब से भरा।’’ उनके मुताबिक, ‘‘एक सरकारी सामान्य शहरी घर औसतन 6.5 लाख रुपये का बनता है, उसमें केंद्र सरकार केवल 1.5 लाख रू देती है। इसमें 40 प्रतिशत योगदान राज्यों और नगरपालिका का भी होता है। बाक़ी के बोझ का ठीकरा जनता के सिर पर फूटता है। वो भी क़रीब 60 प्रतिशत का बोझ। ऐसा संसदीय समिति ने कहा है।’’

खरगे का कहना था, ‘‘समाचार पत्रों से पता चला है कि मोदी जी ने वाराणसी में जो ‘‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’’ के तहत आठ गांवों को विकसित करने के लिए गोद लिया था वहां ग़रीबों के पास, ख़ासकर दलित व पिछड़े समाज को अब तक पक्के घर नहीं मिले। अगर कुछ घर हैं तो भी उनमें पानी नहीं पहुंचा, नल तक नहीं है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘मोदी जी द्वारा गोद लिया गया पहला गांव जयापुर है। वहां कई दलितों के पास घर और चालू शौचालय नहीं हैं। नागेपुर गांव में भी स्थिति ऐसी ही है और इसके अलावा, सड़कें भी खराब स्थिति में हैं। परमपुर में पूरे गांव में नल लगे हैं लेकिन उन नलों में पानी नहीं है। पूरे गांव में पिछले दो महीनों से पानी की आपूर्ति नहीं थी। वहां कई दलित और यादव समाज के लोग कच्चे घरों में रहते हैं।’’ 

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