
भारतीय बैंकों में पिछले 10 सालों में 3.94 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) याचिका के जवाब में उपलब्ध भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से इस बात का पता चला है। आंकड़ों के अनुसार प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर बैंकों में 2014-15 और 2024-24 (दिसंबर 2023) के बीच कुल 4,44,425 फ्रॉड के मामले सामने आए हैं। आरबीआई की तरफ से उपलब्ध कराए गए डेटा के अनुसार पिछले एक दशक में महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। आरबीआई की तरफ से राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले 10 सालों में बैंक धोखाधड़ी से जुड़ी पूरी जानकारी साझा की गई है।
महाराष्ट्र के अलावा एनसीटी दिल्ली में 67019, तमिलनाडु 50928, उत्तर प्रदेश में 34206 और गुजरात में 23972 के आंकड़ों के साथ बैंक फ्रॉड के सबसे अधिक मामले देखने को मिले हैं। इसके बाद पिछले 10 वित्तीय वर्ष में कर्नाटक, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान जैसे प्रदेशों का नंबर आता है।
वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2023-24 (दिसंबर 2023 तक) की अवधि के दौरान बैंकों द्वारा परिचालन क्षेत्र ‘कार्ड/इंटरनेट’ के लिए रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी की संख्या 4,63,555 है और इसमें शामिल राशि 2,614 करोड़ थी। 31 मार्च, 2024 तक का डेटा अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
There is something contradictory about this trend: while computer technology enables us to be increasingly independent of space and time and you would expect people to leave the city for the countryside, the opposite turns out to be the case.