लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मेरठ संसदीय सीट काफी चर्चा में है क्योंकि यहां से भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काट कर रामायण धारावाहिक में प्रभु श्री राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल को अपना उम्मीदवार बनाया है। अरुण गोविल के खिलाफ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की संयुक्त उम्मीदवार सुनीता वर्मा हैं वहीं बसपा प्रत्याशी देवव्रत त्यागी भी ताल ठोकते हुए मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं।
समाजवादी पार्टी यहां भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी है लेकिन उसने जिस तरह से तीन बार यहां उम्मीदवार बदला उसके चलते यहां पार्टी में जबरदस्त भीतरघात देखने को मिल रही है। समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले अधिवक्ता भानु प्रताप को अपना उम्मीदवार बनाया था। लेकिन फिर अचानक ही उनका टिकट काट कर सरधना से विधायक अतुल प्रधान को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। अतुल प्रधान ने जब नामांकन दाखिल कर दिया तो पूर्व महापौर सुनीता वर्मा को सपा का उम्मीदवार बना दिया गया। इस पूरे प्रकरण के दौरान सपा में जो आपसी सिर फुटव्वल देखने को मिली उससे पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ता दिख रहा है। अतुल प्रधान का टिकट कटने के बाद उनके भाजपा में जाने की अटकलें भी लगीं लेकिन उनका कहना है कि वह समाजवादी पार्टी में बने रहेंगे। हालांकि जानकार बताते हैं कि जिस तरह अतुल प्रधान और सुनीता वर्मा के पति में आपस में ही ठनी रहती है उसके चलते दोनों गुटों के बीच मैत्री की कोई संभावना नहीं है।
वहीं बसपा प्रत्याशी देवव्रत त्यागी को उम्मीद है कि उनके समाज के वोट के अलावा उन्हें बहुजन समाज पार्टी के कोर वोट बैंक का भी साथ मिलेगा। उन्हें मुस्लिम समाज का भी साथ मिलने की उम्मीद है।वहीं भाजपा उम्मीदवार अरुण गोविल जहां जा रहे हैं वहां जय श्री राम के उद्घोष से उनका स्वागत हो रहा है। प्रभासाक्षी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए घर वापसी जैसा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रभु श्री राम अयोध्या की सेवा करने आए थे, उसी तरह मुझे भी अपनी जन्मभूमि की सेवा करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि जीत के बाद मैं मेरठ की जनता की सेवा में कोई कमी नहीं रखूंगा।
हम आपको बता दें कि भाजपा उम्मीदवार अरुण गोविल को राष्ट्रीय लोकदल, अपना दल, सुभासपा और निषाद पार्टी का समर्थन भी मिला हुआ है इसलिए उनका पलड़ा भारी नजर आ रहा है। इसके अलावा उनकी प्रभु श्री राम वाली छवि भी कमाल दिखा रही है। अरुण गोविल चूंकि वैश्य समाज से आते हैं और मेरठ में व्यापारी वर्ग बहुतायत में है इसलिए इस वर्ग का समर्थन भी गोविल के साथ नजर आ रहा है।इसके अलावा महिलाओं का समर्थन तो पूर्ण रूप से अरुण गोविल के साथ ही नजर आ रहा है।