भारत में उल्का पिंड टकराया था

भारत के गुजरात राज्य में एक जिला है कच्छ। यहां पर एक रहस्यमयी जगह है जिसे लूना क्रेटर के नाम से जाना जाता है। 1.8 किलोमीटर चौड़े इस गड्ढे को लेकर अब तक केवल अनुमान लगाए जाते थे कि यह कैसे अस्तित्व में आया। लेकिन अब एक नई रिसर्च में इसे लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस लूना क्रेटर के निर्माण के पीछे उल्का पिंड की टक्कर हो सकती है।

वैज्ञानिकों के अनुसार इस बात की संभावना को बल मिला है कि लूना क्रेटर का निर्माण एक उल्का पिंड की वजह से हुआ है। यह उल्का पिंड पिछले 50,000 साल में धरती से टकराने वाला सबसे बड़ा पिंड बताया जा रहा है। रिसर्च के अनुसार टक्कर के बाद वाइल्डफायर और शॉकवेव्स को जन्म दिया होगा। इसी इलाके में हजारों साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के लोग रहा करते थे। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस टक्कर का असर निश्चित तौर पर एक परमाणु बम के बराबर रहा होगा।

लूना क्रेटर पर पहले भी कई रिसर्च हो चुकी हैं लेकिन किसी में इसके निर्माण को लेकर कुछ खास जानकारी सामने नहीं आई थी। हाल ही में केरल यूनवर्सिटी के केएस सजिनकुमार ने अपने साथियों के साथ इस पर रिसर्च शुरू की थी। इसमें यहां की मिट्टी में इरीडियम बड़ी मात्रा में मिला। इससे संकेत मिला है कि टकराने वाला उल्कापिंड लोहे का हो सकता है। कई वैज्ञानिकों ने इसका समर्थन किया है। लेकिन कुछ का मानना है कि इसे पूरी तरह सिद्ध करने के लिए और रिसर्च की जरूरत है।

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