क्या भाजपा-जजपा गठबंधन रहेगा?

हरियाणा में भाजपा और जजपा के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सियासत गरमाई हुई है। जजपा 2 सीटें मांग रही है, लेकिन भाजपा ने अभी तक स्थिति क्लीयर नहीं की है। दुष्यंत चौटाला दोटूक शब्दों में 2 सीटें नहीं मिलने पर सभी 10 सीटों से उम्मीदवार खड़े करने की बात कह चकी है।लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियों के बीच हरियाणा की राजनीति भी गरमाने लगी है, जिसके चलते सभी की नजरें कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों के नामों पर टिकी हैं। हरियाणा में भाजपा का गठबंधन दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) से है।

जजपा 10 लोकसभा सीटों में से हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीटें भाजपा से मांग रही है। हिसार से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में अब देखना यह होगा कि भाजपा गठबंधन धर्म निभाती है या नहीं? बृजेंद्र सिंह ने मौके की नजाकत को देखते हुए भाजपा छोड़ दी है तो क्या जजपा को सीटें मिलने वाली हैं?सूत्रों के अनुसार, बृजेंद्र सिंह और बीरेंद्र सिंह के भाजपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन करने की पटकथा कई महीनों से लिखी जा रही थी, जिसको अंजाम अब दिया गया। दोनों की कांग्रेस में वापसी उनके नजदीकी रिश्तेदार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने करवाई है, जिन्होंने दोनों के साथ कई बैठकें भी की। राहुल गांधी से भी दोनों की बैठक कराई गई थी।

वहीं दोनों को अपनी लोकसभा चुनाव 2024 की टिकट कटने का डर था, क्योंकि भाजपा पर जजपा दबाव डाल रही है कि हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीटें उन्हें दे दी जाएं, जबकि बीरेंद्र सिंह चाहते थे कि भाजपा जजपा के साथ गठबंधन छोड़ दे, लेकिन दाल गलती न देखकर उन्होंने कांग्रेस में जाने का रास्ता चुना है।सूत्रों के अनुसार, भाजपा को लेकर जजपा ने अपने तेवर तीखे कर लिए हैं। बीते दिन सिरसा में हुई जजपा की बैठक में हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने साफ-साफ कह दिया कि अगर भाजपा हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ की सीटें दे तो ठीक, नहीं तो जजपा सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी।

वहीं कांग्रेस में भी सीटों को लेकर पूरी तरह घमासान मचा हुआ है। हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों के लिए 326 नेताओं ने दावेदारी ठोकी हुई है। हरियाणा के उम्मीदवारों को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हो चुकी है। इसमें जातीय समीकरणों के साथ-साथ ग्राउंड लेवल पर उम्मीदवारों की पहचान और उनके चुनाव जीतने के सामर्थ्य को देखते हुए मंथन किया गया।हरियाणा में कांग्रेस ने 9 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना है, क्योंकि एक सीट कुरुक्षेत्र में आम आदमी पार्टी को INDIA गठबंधन के तहत कांग्रेस दे चुकी है।

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