नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि रूसी सेना के साथ काम करने के लिए कई भारतीय नागरिकों के साथ धोखाधड़ी हुई है। भारत सरकार ने रूस के सामने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया है, जिससे कि इन लोगों की जल्द रिहाई हो सके। हमारी भारतीय नागरिकों से अपील है कि वे रूसी सेना के साथ सपोर्ट जॉब का ऑफर देने वाले एजेंटों के बहकावे में न आएं। यह जोखिम से भरा है और इसमें जान का खतरा है। ऐसे एजेंटों पर भी सख्त कार्रवाई शुरू की गई है, जो झूठे वादे कर और झांसा देकर लोगों की भर्ती कर रहे हैं। सीबीआई ने गुरुवार को ऐसे ही बड़े मानवतस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस में भारतीय लोगों के सेना में भर्ती के कुछ नए विडियो सामने आए हैं। आंकड़ों का जिक्र करते हुए मंत्रालय ने कहा कि पिछले हफ्ते ऐसे लोगों की संख्या 20 थी, लेकिन अब ऐसे युवाओं की संख्या बढ़ी है। सरकार इन सभी का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रही है। सरकार रूसी अथॉरिटी के साथ बात करके कई लोगों को सेना की नौकरी से वापस लाने की कोशिश कर रही है। इन भारतीय युवाओं की वापसी के लिए सरकार रूसी अथॉरिटी पर दबाव बना रही है। जो लोग फंसे हुए हैं उनकी रिहाई के लिए सरकार अपनी कोशिश जारी रखे हुए है। हालांकि ऐसे कितने लोग हैं, इनकी सटीक संख्या पता नहीं है। इस मामले में CBI की कई टीमें जांच कर रही हैं और कई जगह छापे भी मारे गए हैं।
कुछ एजेंटों ने भारतीय युवाओं को बहला-फुसलाकर उन्हें रूस में नौकरी के लिए भेजा। इन युवाओं को यह बताया गया कि उन्हें युद्ध में गोली नहीं चलानी है, बल्कि उन्हें डिलीवरी बॉय की जॉब दी जाएगी। लेकिन, जब भारतीय वहां पहुंचे तो उन्हें युद्ध में लड़ने के लिए भेजा गया। ऐसा न करने पर उन्हें 10 साल के लिए जेल भेजने की भी धमकी दी गई। इनमें से हैदराबाद के मोहम्मद असफान भी थे, जिनकी कुछ दिन पहले मौत हो गई।