कोलकाता: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बंगाल दौरे पर आए पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा. कृष्णनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि टीएमसी अत्याचार का दूसरा नाम है. टीएमसी का मतलब विश्वासघात, भ्रष्टाचार और परिवारवाद है. टीएमसी ने गरीबों को लूटा है. ममता बनर्जी की टीएमसी लोगों को गरीब बनाए रखना चाहती है. इसलिए पश्चिम बंगाल का विकास होना जरूरी है. पश्चिम बंगाल को पहला एम्स मोदी ने दिया.
जनसभा को संबोधित करते हुए सबसे पहले पीएम मोदी ने कहा, ‘ये धरती भगवान श्रीकृष्ण भक्ति के परम प्रचारक चैतन्य महाप्रभु की जन्मस्थली है. चैतन्य महाप्रभु की चरणों में नमन करता हूं. ये मेरा सौभाग्य है कि भगवान श्रीकृष्ण ने जो द्वारकानगरी बसायी थी, जो समुद्र के अंदर डूब चुकी थी, अभी कुछ दिन पहले मुझे समुद्र की गहराई में जाकर उस पुरातन श्रीकृष्ण की भूमि को नमन करने का सौभाग्य मिला.’
उन्होंने कहा कि आप सभी को इतनी बड़ी संख्या में यहां एकत्रित देखकर मुझे यह कहने का आत्मविश्वास मिल रहा है कि ‘एनडीए सरकार, 400 पार’! यह पश्चिम बंगाल में मेरा दूसरा दिन है. पिछले 2 दिनों में मुझे बंगाल के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने का अवसर मिला. इससे निवेश आएगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और पड़ोसी क्षेत्रों पर इसका प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, हमें यह स्वीकार करना होगा कि टीएमसी सरकार ने बंगाल के लोगों को निराश किया है। वे लोगों के भरोसे को धोखा देते रहते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बंगाल में जिस तरह टीएमसी की सरकार चल रही है उसने बंगाल को निराश कर दिया है. पश्चिम बंगाल की जनता ने बहुत उम्मीदों के साथ टीएमसी को बार-बार इतना बड़ा जनादेश दिया है, लेकिन टीएमसी अत्याचार और विश्वासघात का दूसरा नाम बन गई है. टीएमसी के लिए बंगाल का विकास नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और परिवारवाद ही प्राथमिकता है.
बता दें कि इससे पहले धानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को एक खुले वाहन से पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर में एक सार्वजनिक रैली स्थल पर पहुंचे और उन्होंने भीड़ की ओर हाथ हिलाकर उसका अभिवादन किया. वाहन में उनके साथ भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी थे.पीएम मोदी एक सरकारी कार्यक्रम से जनसभा के लिए जा रहे थे. जनसभा को संबोधित करने से पहले उन्होंने सरकारी कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल में 15,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया