महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच सीट बंटवारे पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है। सोमवार को हुई शिवसेना की बैठक में सांसदों ने सीएम शिंदे से पिछली बार जीती गई सभी 18 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की, जबकि बीजेपी केवल 13 सीट देना चाहती है।
शिवसेना की शिंदे गुट के सांसदों की सोमवार को हुई बैठक में पिछले लोकसभा चुनाव में जीती गई सभी 18 सीटों पर दावा करने का फैसला लिया गया। पिछले चुनाव में शिवसेना ने लोकसभा की 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जब शिवसेना में टूट हुई तो पार्टी और चुनाव चिन्ह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों में आ गया। शिंदे के साथ शिवसेना के लोकसभा के 18 सांसदों में से 13 सांसद साथ आये तो 5 लोकसभा सांसदों ने उद्धव ठाकरे के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई। इसमें सीएम के गढ़ ठाणे के सांसद राजन विचारे भी शामिल है।
सोमवार को शिंदे की शिवसेना के सांसदों की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सभी सांसदों ने सीएम शिंदे से 18 लोकसभा सीटों पर दावा करने की मांग की। सांसदों ने कहा कि भले ही 18 सांसद साथ में नहीं हैं, लेकिन पार्टी के सांसद जहां हैं, वह सीट दोस्त पार्टी के लिए ना छोड़ी जाए।
शिवेसना की बैठक में सीट बंटवारे की चर्चा और फैसला लेने का अधिकार सीएम एकनाथ शिंदे को दिया गया। साथ ही चुनाव में हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर प्रचार करने का निर्णय लिया गया है। प्रचार में समृद्धि हाईवे और अटल सेतु जैसे बड़े इन्फ़्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को भी शामिल किया जाएगा।शिंदे गुट के पास 13 सांसद हैं। भाजपा उसे 13 सीटें देने को तैयार है। एनसीपी के अजित पवार गुट ने भी लोकसभा की ज्यादा सीटों पर दावा ठोंका है। भाजपा भी 30 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। ऐसे में महायुति में सीट बंटवारा अहम मुद्दा होगा। शिवसेना की बैठक में सांसदों ने जल्द से जल्द सीट बंटवारा करने पर जोर दिया, ताकि चुनाव प्रचार की शुरुआत किया जा सके