शिवाजी के वंशजो ने अलग राजनीति पार्टी बनाई

मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले और अपनी वीरता व पराक्रम से मुगलों को धूल चटाने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज की आज यानी सोमवार को जयंती है। शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 160 को हुआ था। उनके शौर्य की कहानियां तो हम सबने पढ़ी हैं। इस रिपोर्ट में जानिए कि उनके वंशज कौन हैं और इस समय क्या कर रहे हैं।शिवाजी के दो वंशज हैं उदयनराज भोसले और शंभाजी राजे छत्रपति। दोनों ही महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय हैं। लेकिन एक वंश से आने के बाद भी दोनों के राजनीतिक दल अलग-अलग हैं। उदयनराज भोसले जहां भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद हैं। वहीं, शंभाजी राजे का ‘स्वराज्य संगठन’ नामक अपना राजनीतिक संगठन है। उदयनराजे पहले एनसीपी में थे और सतारा से सांसद थे।

उदयनराजे 1998 से 1999 तक महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य थे और भाजपा का हिस्सा थे। इस दौरान भाजपा-शिवसेना की सरकार के दौरान उन्हें महाराष्ट्र में रेवेन्यू मिनिस्ट्री दी गई थी। हालांकि, बाद में वह शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए थे। साल 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने सतारा लोकसभा में एनसीपी के टिकट पर जीत हासिल की थी।लेकिन, सितंबर 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने फिर भाजपा में वापस लौटने का फैसला किया और एनसीपी से इस्तीफी दे दिया था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद साल 2020 में उन्हें महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए भेजा गया था। बता दें कि उदयनराजे भोसले का जन्म 24 फरवरी 1966 को हुआ था।

कोल्हापुर शाही परिवार के उत्तराधिकारी शंभाजी राजे का जन्म 11 फरवरी 1971 को हुआ था। मृदुभाषी कहे जाने वाले शंभा जी मराठा आरक्षण को लेकर साल 2011 से 2019 तक चले आंदोलन का चेहरा थे। वर्तमान में वह किसी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं हैं और निर्दलीय राजनीतिज्ञ हैं। 11 जून 2016 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया था। 22 मई 2022 को उन्होंने स्वराज्य संगठन नामके सामाजिक संगठन की स्थापना की थी।

राज्यसभा सांसद शंभाजी राजे आगामी लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं। हाल ही में इसे लेकर उन्होंने कहा था कि हमें कोल्हापुर, नासिक और छत्रपति शंभाजीनगर से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि इसका उत्तर सही समय आने पर मिल जाएगा। समय बताएगा कि मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं। उल्लेखनीय है कि शंभाजी राजे ने 2009 का लोकसभा चुनाव एनसीपी के टिकट पर कोल्हापुर से लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

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