युवा प्राइवेट अन्य सरकारी नौकरियों में अवसर पाना चाहते

 नौकरियों  को लेकर लोगों की रुचि और पसंद बदली है। एक समय था जब लोग सिविल सेवा को करियर बनाने के लिए पहली पसंद के रूप में देखते थे। लेकिन जैसे जैसे प्राइवेट सेक्टर और अन्य सरकारी क्षेत्रों में नौकरियों के अवसर बढ़ने लगे वैसे वैसे छात्रों की पसंद भी बदली। क्या आपको पता है कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे इस समय पुलिस, टीचर और डॉक्टर बनना ज्यादा पसंद करते हैं। इसके साथ ही वे सेना और इंजिनियरिंग को भी अच्छे करियर विकल्प के तौर पर देखते हैं। यह बात एक सर्वे में पता चली है।

ग्रामीम इलाकों के बच्चों का सबसे कम पसंदीदा क्षेत्र खेल, खेती नौकरशाही और घरेलू काम है। 13.8 प्रतिशत लड़के सेना और 13.6 प्रतिशत लड़के पुलिस में जाना चाहते हैं। वहीं 16 प्रतिशत शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो 14.8 प्रतिशत डॉक्टर बनना चाहते हैं। वहीं 12.5 प्रतिशत लड़कियां पुलिस की नौकरी को ज्यादा पसंद करती हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 14-18 साल के 21 प्रतिशत ग्रामीण बच्चे इसके बारे में जानते ही नहीं हैं या सोचा नहीं है। वहीं 2.1 प्रतिशत ऐसे हैं जो काम नहीं करना चाहते।

यूपी के हाथरस जिले में एक तिहाई से ज्यादा लड़कियां अपने काम के पसंद के बारे में नहीं बता सकीं। वहीं छत्तीसगढ़ के धतमरी और हिमाचल प्रदेश के सोलन में लड़कियां सबसे ज्यादा टीचर या डॉक्टर बनने को प्राथमिकता देती हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में भी लड़कियां पुलिस में करियर को एक बेहतर विकल्प मानती हैं।

राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 30 प्रतिशत से अधिक लड़कियां टीचर बनकर पढ़ाना चाहती हैं। वहीं पहाड़ी राज्यों नागालैंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सेना में भर्ती होना पहला विकल्प है। हालांकि इन तीनों राज्यों में सिर्फ 7 प्रतिशत लड़कियां ही सेना में जाने को वरियता देती हैं। डेटा से पता चलता है कि 14-18 आयु वर्ग के सिर्फ 1.4 प्रतिशत बच्चे ही खेती को प्राथमिक कार्य के तौर पर अपनाना चाहते हैं। इसकी वजह इसमें ज्यादा मेहनत और धूप में काम करना है।

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