इंफाल। कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने से पहले हेडलाइन मैनेजमेंट के मकसद से मिलिंद देवरा का इस्तीफा आज के लिए तय किया, लेकिन इसका कोई असर नहीं होगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि एक मिलिंद जाता है तो लाखों मिलिंद हैं जो कांग्रेस के संगठन और विचारधारा में विश्वास करते हैं। उन्होंने दावा किया कि गत शुक्रवार को ही उनकी देवरा के साथ फोन पर बात हुई थी और वह राहुल गांधी से मिलना चाहते थे क्योंकि वह अपनी पूर्व की लोकसभा सीट (दक्षिण मुंबई) को लेकर चिंतित थे। दक्षिण मुंबई से शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत सांसद हैं। देवरा ने रविवार को भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। ऐसी अटकलें हैं कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस महासचिव रमेश ने कहा, यह (इस्तीफा) प्रधानमंत्री ने तय किया है मिलिंद तो एक कठपुतली हैं। प्रधानमंत्री तो ‘हेडलाइन मैनेजमेंट’ के गुरु हैं…हर तरफ भारत जोड़ो न्याय यात्रा की खबर है। प्रधानमंत्री ने हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए मिलिंद का इस्तीफा आज के लिए तय किया, लेकिन इसका कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा, एक मिलिंद जाता है, लेकिन पार्टी में लाखों मिलिंद हैं जो कांग्रेस के संगठन और विचारधारा में विश्वास रखते हैं। रमेश ने कहा, मिलिंद देवरा के इस्तीफे की घोषणा का समय स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तय किया।
उन्होंने कहा, देवरा ने शुक्रवार सुबह आठ बजकर 52 मिनट पर मुझे मैसेज किया और फिर उसी दिन अपराह्न दो बजकर 47 मिनट पर मैंने जवाब दिया और पूछा कि क्या आप पार्टी छोड़ने की योजना बना रहे हैं? फिर दो बजकर 48 मिनट पर उन्होंने एक संदेश भेजा कि क्या आपसे बात हो सकती है? मैंने उनसे कहा कि मैं आपको फोन करूंगा और फिर उसी दिन अपराह्न तीन बजकर 40 मिनट पर मैंने उनसे बात की।
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, उन्होंने (देवरा ने) मुझसे कहा कि उन्हें चिंता है कि यह सीट (दक्षिण मुंबई) शिवसेना (यूबीटी) की है, वह राहुल गांधी से मिलना चाहते हैं और उन्हें सीट के बारे में बताना चाहते हैं। वह चाहते थे कि मैं भी इस बारे में राहुल गांधी से बात करूं। रमेश ने देवरा पर कटाक्ष करते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, मैं मुरली देवरा (मिलिंद के दिवंगत पिता) के साथ अपने लंबे वर्षों के जुड़ाव को बड़े ही सुखद तरीके से याद करता हूं। सभी राजनीतिक दलों में उनके करीबी दोस्त थे, लेकिन वह एक धुर कांग्रेसी थे, जो हर मुश्किल परिस्थिति में हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े रहे।